एमपी यूपी बॉर्डर पर साढ़े तीन करोड़ रुपये की अंग्रेजी शराब जब्त, एक आरोपी हिरासत में

Atul Saxena
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MP Election 2023 : मप्र विधानसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश की अभी एजेंसियां एक्टिव हैं, पुलिस और आबकारी की खास नजर अवैध शराब परिवहन पर है, इसी क्रम में निर्वाचन में लगी फ़्लाइंग स्क्वाड टीम ने एमपी यूपी बॉर्डर पर अवैध अंग्रेजी शराब का एक बड़ा कन्साइनमेंट पकड़ा है, टीम ने साढ़े तीन करोड़ रुपये की अंग्रेजी शराब जब्त की है, साथ में एक आरोपी को भी हिरासत में लिया है।

चुनावों को देखते हुए जिलों की सीमाओं, खासकर ऐसे जिले जहाँ दूसरे राज्यों की सीमा मिलती है वहां बहुत सतर्कता बरती जा रही है, इसी सतर्कता का लाभ आज मिला है, सागर जिले के खुरई क्षेत्र में एमपी यूपी बॉर्डर पर FST ने करोड़ों रुपये की अंग्रेजी शराब पकड़ी है, टीम ने एक आरोपी को भी हिरासत में लिया है।

गाड़ी में छिपाकर ले जाई जा रही थी अंग्रेजी शराब 

जानकारी के मुताबिक फ़्लाइंग स्क्वाड को सूचना मिली थी कि एमपी-यूपी बार्डर स्थित अटा कर्नलगढ़ से होते हुए अवैध शराब का परिवहन किया जा रहा है। टीम को एक गाड़ी संदिग्ध दिखाई दी और जब उसकी तलाशी लो गई तो उसमें महंगे ब्रांड की अंग्रेजी शराब मिली, टीम ने जब ड्राइवर से शराब के कागज मांगे तो वो नहीं दिखा पाया जिसके बाद आबकारी विभाग ने शराब को जब्त कर आरोपी को हिरासत में ले लिया। शुरुआती पूछताछ में मालूम चला है कि ये अंग्रेजी शराब दिल्ली से सिकंदराबाद (हैदराबाद ) जा रही थी।

जब्त शराब की कीमत साढ़े तीन करोड़ रुपये 

सागर आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर दीपक अवस्थी ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को बताया कि विधानसभा निर्वाचन को देखते हुए अंतर्राज्यीय सीमा पर निर्वाचन उड़नदस्ता टीम, स्थैतिक सर्विलांस टीम, पुलिस एवं आबकारी अमले द्वारा वाहनों की चेकिंग की जा रही है । इसी क्रम में उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश अंतर्राज्यीय सीमा पर मालथौन टोल नाके के समीप अटा चेकपोस्ट पर अमले द्वारा वाहनों की चेकिंग के दौरान वाहन ट्रक क्रमांक HR 38 Z 3908 , मॉडल आयशर द्वारा 641 पेटी में 08 विदेशी ब्रांड की विदेशी मदिरा स्पिरिट (BIO Brand) परिवहन करते मिली है जिसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग 3.50 करोड़ है। प्रकरण में आगामी विवेचना आबकारी विभाग द्वारा की जा रही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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