Sagar News: पुलिस बनी देवदूत, फांसी के फंदे पर लटक रहे युवक की बचाई जान

फांसी के फंदे पर लटक रहे युवक को तुरंत उतारकर पुलिस ने उससे अस्पताल में इलाज के लिए भिजवाया।

Shashank Baranwal
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Sagar News: वैसे तो पुलिस का नाम सुनकर अक्सर क्रूरता और अमानवीयता ही लोगों को दिखाई देती है, लेकिन मध्य प्रदेश के सागर जिले के सुरखी थाना पुलिस ने एक ऐंसा काम कर दिखाया कि पुलिस की छवि एक देवदूत के जैसी नजर आई। दरअसल, पुलिस को फांसी के फंदे पर लटक चुके एक युवक की जान बचाने में कामयाबी हासिल हुई, जिसको लेकर इलाके में पुलिस प्रशासन की जमकर सरहाना की जा रही है।

डायल 100 से मिली सूचना

आपको बता दें कि डायल 100 पर सुरखी थाना पुलिस को जानकारी मिली कि एक व्यक्ति सुरेन्द्र साहू पिता मुलायम साहू उम्र 26 साल निवासी मढ़खेड़ा जारी पुलिस चौकी बिलहरा थाना सुरखी का निवासी ने विदवास गांक के पास सुर्खया नाला के करीब कुएं के अंदर फांसी लगा ली है। वहीं, इस बात की जानकारी मिलते ही सुरखी थाना के ASI विमल परस्ते आरक्षक कमलेश गुर्जर आरक्षक रवि मिश्रा बिना देरी किए मौके पर पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने फंदे पर लटक रहे युवक को फंदे से उतारकर कुंएं में से बाहर निकाला।

तुरंत इलाज के लिए पहुँचाया अस्पताल

कुएं से बाहर निकाल पुलिस ने घायल युवक को तुरंत इलाज के लिए सुरखी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुँचाया, जहां समय रहते इलाज मिल जाने से युवक की जान बच गई। वहीं, अगर युवक को अस्पताल ले जाने में थोड़ी सी भी देर हो जाती तो युवक अपनी जिंदगी से हाथ धो बैठता। फिलहाल, पुलिस की इस मानवीयता की अब सभी जगह सराहना हो रही है।

सागर से विनोद जैन की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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