Neemuch News : जमीन की सटीक लोकेशन के लिए इस बार GIS टैगिंग पर आधारित सैटेलाइट लोकेशन व गाइडलाइन होगी। दरअसल, इसके लिए प्रत्येक क्षेत्र व जमीन की मैपिंग का काम पिछले साल पूर्ण हो चुका था लेकिन वेरिफिकेशन सहित अन्य काम बाकी होने के साथ अपडेट पोर्टल व एप का काम होना बाकी था। इस बार दोनों काम हो चुके हैं और प्रदेश स्तर पर संपदा 2.0 पर काम किया जा रहा है। वर्ष 2023-2024 की गाइडलाइन संपदा 2.0 वर्जन वेबसाइट और एप दोनों पर उपलब्ध करवाने के लिए काम किया जा रहा है।
जानें विस्तार से…
प्रत्येक जिले से उप पंजीयक, वरिष्ठ उप पंजीयक को भोपाल बुलाकर गाइडलाइन डाटा व लोकेशन वेरिफिकेशन करवाई जा रही है। धोखाधड़ी को रोकने और भवन/ भूखंड की सटीक लोकेशन के साथ उसकी गाइडलाइन से स्टांप ड्यूटी व अन्य टैक्स की सही जानकारी के लिए पंजीयक विभाग दो साल से तैयारी कर रहा है। संपदा-2.0 पर काम चल रहा है। शहर की सैटेलाइट मैपिंग पहले ही हो चुकी है। वर्तमान में गाइडलाइन में दर्ज जानकारी व मैपिंग वेरिफिकेशन का काम भोपाल स्तर पर चल रहा है।
नीमच में भी सैटेलाइट आधार पर किया गया मैपिंग
इसके लिए पिछले साल प्रदेश सहित नीमच जिले में भी सैटेलाइट आधार पर मैपिंग का काम किया गया था। इसमें प्रत्येक क्षेत्र की गाइडलाइन के साथ कॉलोनी व एरिया भी चिह्नित किए गए थे लेकिन वेरिफिकेशन सहित अन्य काम बाकी होने और संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर का काम पूर्ण नहीं हो पाया था। विभागीय अधिकारियों की माने तो संपदा 2.0 किया जाएगा इसलिए इन दिनों इसी पर काम चल रहा है और जो सैटेलाइट मैपिंग पिछले साल करने के साथ अब तक अपडेट की गई है। उसका सत्यापन किया जा रहा है ताकि लागू करने के पहले सभी कमियों को दूर किया जा सके।
होगा ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन
जीआईएस टैगिंग से प्रत्येक जानकारी होगी सटीक- संपदा 2.0 सॉफ्टवेयर विभागीय सॉफ्टवेयर का वेबसाइट व एप वर्जन दोनों तैयार वेबसाइट व एप दोनों पर रहेगा। यह जीआईएस (जीओ इनफॉर्मेशन सिस्टम) से जुड़ा है, इन्हें गाइडलाइन 2023 – 2024 के साथ लागू रहेगा। यदि आप किसी प्रॉपर्टी को खरीदना चाहते हैं तो उस प्रॉपर्टी पर जाकर एप से प्रॉपर्टी की फोटो खींचना होगी। जब आप फोटो खीचेंगे तो अपने आप जीआईएस मैपिंग हो जाएगी। इससे आपको प्रॉपर्टी की सटीक लोकेशन मिलेगी। यह फोटो आप ऑनलाइन रजिस्ट्री के लिए फीड कर सकेंगे। ऑटोमेटिक वेरिफिकेशन हो जाएगा। जिस जगह की प्रॉपर्टी है, उसकी गाइडलाइन सहित अन्य टैक्स की राशि ऑटोमेटिक कैलकुलेट हो जाएगी। उतनी स्टांप ड्यूटी आपको भरना होगी।
भोपाल में चल रहा वेरिफिकेशन का काम
यह भी सुविधा रहेगी सैटेलाइट इमेज- गूगल की मदद से दस्तावेज पंजीयन के ऐन पहले इमेज ऑनलाइन दिखेगी, जिससे पता चलेगा कि भवन भूखंड कहां है और उसका क्षेत्रफल कितना है। ऐसे ही खेती की जमीन सिंचित अथवा असिंचित है, इसका भी पता लग जाएगा। इसके लिए नगरीय निकाय और आयुक्त भू-अभिलेख का रिकॉर्ड मदद करेगा।
नीमच से कमलेश सारडा की रिपोर्ट