सतना, पुष्पराज सिंह बघेल। जिले के सिंहपुर थाने के लॉकअप में युवक की मौत के मामले में कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने सरकार पर निशाना साधा है। उन्होने कहा कि बीजेपी सरकार जन हितैषी नहीं है। प्रदेश में थाने ठेके पर चल रहे हैं और थानों की बोली लगती है।
कांग्रेस विधायक ने कहा कि इस प्रकरण के दो दिन बीत जाने पर भी अभी तक मृतक के परिजनों को FIR की कॉपी नही दी गयी है और साक्ष्य मिटाने का खेल चल रहा है। उन्होने कहा कि सिर्फ थाना प्रभारी को सस्पेंड करने व पुलिस अधिकारी के तबादले से पीड़ित परिवार को न्याय नही मिलेगा। उन्होने आरोप लगाया कि युवक के माथे पर लगी गोली से साफ है कि थाना प्रभारी विक्रम पाठक ने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद गोली दागी है।आरोपी थाना प्रभारी पर 302 का मुकदमा कायम करने की माँग के साथ विधायक ने कहा कि जिले की पुलिस और कप्तान मामले पर शुरू से पर्दा डालने की कोशिश कर रहे थे। जबकि स्पष्ट है कि गोली जिस जगह लगी है उससे मौके पर ही मौत होना स्वाभाविक है। ऐसे में 12 घंटे तक पुलिस का नाटकीय रवैया रहा। उल्टा परिजनों पर लाठी चार्ज किया गया जिससे परिजन अभी तक डरे सहमे है और गाँव से पलायन को मजबूर है। पीड़ित परिवार की अबतक जिला प्रशासन ने कोई सुध नही ली है। अभी तक जिला प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा मृतक राजपति कुशवाहा के पीड़ित परिजनों से नही मिला। लिहाजा विधायक ने सिंहपुर मामले में सरकार और जिला प्रशासन की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े किए हैं। इस बीच सतना पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल दल-बल के साथ रैगांव चौकी पहुंचे और मामले की जांच की। साथ ही कलेक्टर अजय कटेसरिया भी रघुराजनगर एसडीएम पीएस त्रिपाठी भी साथ रैगांव पहुंचे और मामले की जानकारी ली।
ये है मामला
बता दें कि पिछले दो दिन से सिंहपुर गोलीकांड का मामला काफी गर्माया हुआ है। सिंहपुर थाना में सर्विस रिवॉल्वर से गोली चल गई थी जिसमें चोरी के आरोप में लाये गए युवक को लॉकअप में ही गोली लगी और उसकी मौत हो गई। थाने में मौत की खबर से हड़कंप मच गया, जिसके बाद परिजनों ने थाने का घेराव किया था। मामले में पूरे दिन चले हंगामे के बाद पुलिस अधीक्षक रियाज इकबाल ने आरोप में घेरे में आए सिंहपुर सब इंस्पेक्टर विक्रम पाठक और सिपाही आशीष को निलंबित कर दिया था। इसी के साथ घटना की न्यायिक जांच के आदेश भी जारी किए गए थे। घटनास्थल पर मौजूद थाना प्रभारी की सर्विस रिवाल्वर जब्त कर ली गई, साथ ही सभी पुलिसकर्मियों को हटा दिया गया। इसके साथ ही पीड़ित परिवार को 10 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषण भी की गई थी।