सीहोर, अनुराग शर्मा। उत्तरी मध्यप्रदेश के कई इलाके अतिवृष्टि से प्रभावित हैं और बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सरकार ने भी कहा है कि 70 साल में बारिश से ऐसी तबाही नहीं हुई। लेकिन इस बार बारिश कुछ ऐसा ही कहर ढाएगी, इसकी भविष्यवाणी पहले ही हो गई थी। सीहोर में ग्रामीणों का कहना है कि टिटहरी (sandpiper) ने तीन अंडे देकर इस बात की भविष्यवाणी कर दी थी कि इस बार भारी बारिश होगी।
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दरअसल, पुराने लोगों, पंडितो आदि का मानना है कि टिटहरी के अंडों की संख्या से बारिश का अनुमान लगाया जा सकता है। आज भी ग्रामीण इलाकों में ये मान्यता है और पुराने तरीकों से बारिश के पूर्वानुमान में टिटहरी के अंडों से ये अंदाजा लगाया जाता था। कहते हैं कि टिटहरी जितने अंडे देती है, उतने माह बारिश होती है। लोकमान्यता के अनुसार टिटहरी का अंडे देना बारिश के लिहाज से शुभ संकेत माना जाता है।
करीब 2 महीने पहले सीहोर जिले के चंदेरी के पास एक दोमंजिला मकान में टिटहरी ने तीन अंडे दिये थे। किसान व समाजसेवी एम एस मेवाड़ा ने बताया कि पूर्वजों, पंडित व शास्त्रियों से प्राप्त ज्ञान के अनुसार टिटहरी के अंडे से ही वर्षा अनुमान लगाया जाता था। माना जाता है कि टिटहरी को बारिश का पूर्वानुमान हो जाता है और इसी आधार पर वो अंडे देती है। इस बार दोमंजिला मकान पर तीन अंडे देखकर ही अधिक वर्षा व बाढ़ आने का संकेत मिल गए थे। टिटहरी के अंडे देखने के बाद स्थानीय लोगों ने पहले भी कहा था कि इस बार अधिक बारिश होगी। बहरहाल, अब ये भविष्यवाणी वाली बात कितनी सच है इसे लेकर तो कोई दावा नहीं किया जा सकता, न ही इसकी पुष्टि हो सकती है लेकिन इस समय ये सच है कि इस समय प्रदेश के कई इलाकों में बारिश का कहर जारी है।