सीहोर, अनुराग शर्मा। इंदौर-भोपाल रोड पर झागरिया जोड़ के पास एक किसान के सामान से भरा ट्रक पलट कर कार पर गिर गया। हादसे में ट्रक के नीचे दबने से कार में सवार पति पत्नी की घटना स्थल पर ही मौत हो गई। घटना के करीब आधा घंटे बाद मौके पर पुलिस पहुंची, इस दौरान यहां सैंकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई जिसे पुलिस को खदेड़ना पड़ा। भीड़ के कारण सड़क पर जाम भी लग गया। तीन क्रैन और बुलडोजर की मदद से ट्रक को उठाने में भारी मशक्कत करनी पड़ी। इसके बाद मृतकों के शवों को बाहर निकाला गया। पुलिस ने आरोपी ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। इस दौरान मौके पर विधायक सुदेश राय पूरे समय मौजूद रहे।
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जानकारी अनुसार कार एमपी 37 सी 6270 भोपाल की तरफ से जा रही थी जिसमें पति पत्नी सवार थे। वहीं ट्रक क्रमांक यूपी 63 टी 9872 इंदौर की तरफ से आ रहा था जो झागरिया की तरफ मुड़ रहा था। ट्रक चालक ने मुड़ते समय ब्रेक लगाया इसी दौरान कार ट्रक से टकरा गई जिससे दोनों अनियंत्रित हो गए। ट्रक में वजन ज्यादा होने के कारण वो पलट गया जिसके नीचे कार दब गई। ट्रक पलटते ही कार उसके नीचे दब कर चकनाचूर हो गई। इससे कार में सवार 62 वर्षीय अधिवक्ता राजेंद्र रैना व उनकी 55 वर्षीय पत्नी विभा रैना की मौत हो गई। ट्रक के नीचे कार डेढ घंटे से भी ज्यादा देर तक दबी रही। इस दौरान यहां भारी भीड़ जमा हो गई। कार पर से ट्रक को उठाने के लिए एक क्रैन मंगवाई गई, लेकिन क्रैन से ट्रक को नहीं उठाया जा सका। इसके बाद एक बुलडोजर बुलवाया गया। इसके बाद भी ट्रक को सीधा नहीं किया जा सका। इसके बाद दो क्रैन और मंगवाई गई जिसके बाद भी ट्रक नहीं उठ सका। इसके बाद करीब 9.15 बजे ट्रक के पिछले हिस्से को उठाया गया जिससे की कार निकाली जा सके। कार के निकलने के बाद ट्रक का सामान खाली किया गया ताकि कार को निकाला जा सके।
इंदौर-भोपाल हाईवे फोरलेन है। यहां दुर्घटना के बाद एक तरफ की सड़क को बंद किया गया जिसका कारण ट्रक को सीधा करने के लिए किए जा रहे प्रयास और वहां जमा भीड़ थी। हादसे की खबर स्थानीय लोगों को मिलते ही बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंचे जिन्हें हटाने में भी पुलिस को खास मेहनत करनी पड़ी। वहीं दूसरी लेन जिस पर आवागमन जारी था वहां भी ज्यादा ट्राफिक होने के कारण जाम लग गया जिससे करीब तीन किलो मीटर तक वाहनों की कतार लग गई। इसे व्यवस्थित करने में भी पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। इसके साथ ही पुराने इंदौर-भोपाल हाईवे से भी वाहन निकालने पड़े। इसके बाद भी करीब तीन घंटे तक वाहनों को निकलने में दिक्कत होती रही।