सीहोर के कुबेरेश्वर धाम रुद्राक्ष महोत्सव में और दो लोगों की मौत, 5 दिनों में पाँच लोगों की गई जान

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MP-Rudraksh Festival of Sehore, Five People Died in 5 Days : मध्यप्रदेश का सीहोर इन दिनों लगातार चर्चा में है, एक बार फिर यह धाम सुर्खियों में है, सोमवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के कुबेरेश्वर धाम में दो और लोगों की मौत हो गई। इनमें एक महिला और एक पुलिसकर्मी शामिल है। इस धाम में 15 फरवरी से लेकर अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसमें एक 3 साल का मासूम भी शामिल है, गौरतलब है कि कुबेरेश्वर धाम में 16 फरवरी से 22  फरवरी तक रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है,  कुबेरेश्वर धाम में 5 दिन में 5 लोगों की मौत हो चुकी है। इस महोत्सव में शामिल होने पूरे देश से लाखों लोग आए है, और यही भीड़ और इंतजाम विवादों का कारण बनी।

झांसी की महिला की मौत 

बताया जा रहा है कि सोमवार को जिस महिला की मौत हुई वह उत्तर प्रदेश के झांसी की रहने वाली पूनम ठाकुर है, पूनम रुद्राक्ष महोत्सव में शामिल होने कुबेरेश्वर आई थीं। महोत्सव में चल रही कथा के दौरान अचानक पूनम की हालत बिगड़ी उन्हे फौरन अस्पताल ले जाया गया लेकिन उसके बावजूद उसकी जान नहीं बच सकी,

पुलिसकर्मी की हार्ट अटैक से मौत

वही सोमवार को महिला के अलावा एक पुलिसकर्मी की मौत भी हुई है। इंदौर के खजराना पुलिस थाने में प्रधान आरक्षक के पद पर पदस्थ श्याम मीणा की ड्यूटी कुबेरेश्वर धाम में लगाई गई थी, जहां उनकी मृत्यु हो गई है। बताया गया है कि प्रधान आरक्षक श्याम मीणा की मौत हार्ट अटैक आने के कारण हुई है।उन्हे भी ड्यूटी के दौरान ही अटैक आया।

अब तक 5 दिनों में पाँच लोगों की मौत 

रुद्राक्ष महोत्सव  में अकोला की रहने वाली 40 वर्षीय मंगला गुरुवार शाम को चक्कर खाकर गिर पड़ी थीं। उन्हें जिला अस्पताल लेकर आए थे, जहां देर रात उनकी मौत हो गई। इससे पहले गुरुवार दोपहर को मालेगांव की रहने वाली 50 वर्षीय महिला ने भी दम तोड़ दिया था। इसके बाद कुबेरेश्वर धाम में रुद्राक्ष महोत्सव के दौरान ही शुक्रवार को तीन साल के बच्चे की मौत हो गई। महाराष्ट्र के जलगांव से माता-पिता बच्चे को लेकर कुबेरेश्वर धाम पहुंचे थे।

लाखों लोग पहुंचे व्यवस्थाएं फेल 

रुद्राक्ष महोत्सव  में पिछले बुधवार से ही लाखों लोग सीहोर कुबेरेश्वर  धाम पहुंचे जहां इतनी भीड़ को संभालने इंतजाम नहीं थे, यहाँ भराई के चलते भगदड़ मची और बड़ी संख्या में लोग घायल हो गए, वही 2000 से ज्यादा लोग पहले ही दिन बीमार पड़ गए। हालांकि इस गदर को देखते हुए कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने महोत्सव में  रुद्राक्ष  वितरण को बीच में ही रोक दिया लेकिन उसके बावजूद लोगों की भीड़ यहाँ पहुँच रही है। भीड़ का आलम यह था कि शुरुआती दिनों में सीहोर -इंदौर हो या भोपाल -सीहोर हाइवे यहाँ 20 20 किलोमीटर लंबा जाम सुबह से शाम तक लगा रहा।


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Harpreet Kaur

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