Seoni News : मध्य प्रदेश के सिवनी जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां नामावली संशोधन कार्य करने से मना करने पर सहायक शिक्षक को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। बता दें कि ये कार्रवाई जबलपुर कमिश्नर अभय वर्मा द्वारा की गई है। निलंबित अवधि के दौरान सहायक शिक्षक दिनेश प्रकाश दुबे को सिवनी मुख्यालय जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में तैनात किया गया है।
बीएलओ के पद हुई थी नियुक्ति
जारी आदेशों के अनुसार, सिवनी विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र क्रमांक 228 के बीएलओ पद के लिए नई नियुक्ति हुई थी। जिसके लिए महात्मा गांधी शासकीय हाईस्कूल के सहायक शिक्षक दिनेश प्रकाश दुबे को नियुक्त किया गया था।। यह निर्णय मीनाक्षी दुबे के स्थानांतरण के बाद हुआ था। इस दौरान दिनेश प्रकाश दुबे को 6 से 22 जनवरी तक फोटोयुक्त निर्वाचक नामावली में नाम जोड़ने, काटने और संशोधन का कार्य करना था। इसके बावजूद उन्होंने मतदाता सूची प्राप्त नहीं की और कार्यालय में उपस्थित होकर मतदाता सूची लेने से मना कर दिया।
कई धाराओं के तहत किया गया निलंबन
इस मामले में जबलपुर कमिश्नर ने कार्रवाई करते हुए उन्हें लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 और मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (1) के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित करने का निर्णय लिया है। दरअसल, सहायक शिक्षक दुबे द्वारा निर्वाचन के महत्वपूर्ण कार्यों में लापरवाही बरती गई जोकि स्वेच्छाचारिता और उदासीनता की श्रेणी में आता है। इसके साथ ही यह लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 134 के अंतर्गत दंडनीय है।
स्कूल में पाई गई थी अनुपस्थित
वहीं, 18 दिसंबर 2023 को जिले भर के विभिन्न स्कूलों में औचक निरीक्षण किया गया था। इस दौरान बरघाट विकासखंड की हायर सेकेंडरी स्कूल मऊ में उच्च माध्यमिक शिक्षक स्वाति अरोरा अनुपस्थित पाई गई थी। शिक्षिका को संकुल प्राचार्य के माध्यम से कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। शिक्षिका डीईओ कार्यालय पहुंची, जहां उन्होंने सीएम हेल्पलाइन प्रकरणों की समीक्षा कर रहे डीईओ के कक्ष में अभद्रतापूर्वक बात की। केवल इतना ही नहीं, अन्य शिक्षकों ने भी शिकायती पत्र स्वाति अरोड़ा के खिलाफ प्रस्तुत किया, जिस कारण स्कूल में विवाद की स्थिति बनी हुई है।
शिक्षकीय मर्यादाओं के विपरीत कृत्य करने का आरोप
बता दें कि शिक्षिका स्वाति अरोरा पर शिक्षकीय मर्यादाओं के विपरीत कृत्य करने का आरोप है। जिसके तहत उन्हें सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 उपनियम (तीन) के अंतर्गत उल्लंघन का आरोप लगाया गया है। इसके परिणामस्वरूप जबलपुर कमिश्नर ने उनपर सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम-1966 के नियम-9 के प्रावधान के तहत निलंबित कर दिया है। साथ ही कलेक्टर कार्यालय सिवनी अटैच कर दिया है।