सेवढ़ा, राहुल ठाकुर। वैश्विक महामारी (pandemic) के चलते राज्य सरकार (state government) ने पिछले एक वर्ष से बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए प्राइवेट (private) और शासकीय स्कूलों (school) में कक्षा 1 से लेकर कक्षा 8वीं तक के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल पूरी तरह से बन्द कर दिए थे। साथ ही उनकी पढ़ाई के लिए ऑनलाइन माध्यम (online medium) पर जोर दिया गया था। वहीं कक्षा 9वीं से 12वीं तक के शासकीय व अशासकीय विद्यालयों को छात्र -छात्राओं को सोशल डिस्टेन्स (social distancing) व मास्क (mask) का उपयोग करते हुए कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए खोला गया था। उनकी पढ़ाई की व्यवस्था का जिम्मा वरिष्ठ अधिकरियों व प्रभारी प्राचार्यो की देखरेख में होना तय किया गया था।
लेकिन दतिया जिले व स्थानीय शिक्षा विभाग के आला अफसर राज्य सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन का पालन न करने वाले प्राइवेट स्कूलों पर कार्यवाही को अंजाम ही नहीं दे रहे हैं। वहीं पिछले एक वर्ष से शासकीय तौर पर संचालित प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में ताले जड़े हुए है और कागजो में महोल्ला पाठशाला का संचालन भी कराया गया। लेकिन ये क्लास शिक्षा विभाग के आला अफसरों के निरीक्षण के समय ही संचालित होती नजर आती हैं, अधिकारियों के जाने के बाद महीनों गुजर जाने के बाद भी आज तक ये क्लासें नजर नही आती।
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सेवढा नगर में एक दर्जन से अधिक प्राइवेट विद्यालय बसों का संचालन भी कर रहे है। सुबह होते ही विद्यार्थियों को अपनी आमदनी का जरिया समझते हुए ये सारे नियमों को ताक पर रखे हुए बसों में भर लेते हैं। मुख्य रूप से क्षमता से अधिक बच्चों को पढ़ाई के लिए ले जाया जाता है। यही नही सेवढा नगर में इन्हीं प्राइवेट स्कूलों के शिक्षक छोटे बच्चों की कोचिंग भी संचालित कर रहे है। लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि स्थानीय आला अफसर प्राइवेट स्कूल संचालकों के खिलाफ कार्यवाही के नाम पर उन्हें संरक्षण दे रहे हैं।