शहडोल में 27 साल बाद कैद से निकलकर अपने मंदिर में पहुंची “लोढ़ा माता”, कानूनी प्रक्रिया के चलते हुई देरी, जश्न का माहौल

शहडोल जिले के ब्योहारी पुलिस थाना के मालखाने में लगभग 27 साल से कैद मां की मूर्ति कैदखाने से बाहर आ चुकी हैं। जिन्हें विधि-विधान से उनके मंदिर में स्थापित कर दिया गया है।

Sanjucta Pandit
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Shahdol News लोढ़ा माता

Shahdol News : इस समय पूरे देश भर में नवरात्रि का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। माता की प्रतिमाएं हर मोहल्ले में भव्य पंडाल बनाकर स्थापित की गई है। जगह-जगह बड़े मेले का भी आयोजन किया गया है, जिसमें दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं। सुबह-शाम माता की आरती उतारी जाती है, जिसमें भारी संख्या में भीड़ देखने को मिल रही है। सुबह से ही दर्शन के लिए पट खोल दिए जाते हैं। रात में पूरा शहर लाइटों की चमक-दमक से जगमगा रहा है।

वहीं, बुधवार को शहडोल जिले के ब्योहारी पुलिस थाना के मालखाने में लगभग 27 साल से कैद मां की मूर्ति कैदखाने से बाहर आ चुकी हैं। जिन्हें विधि-विधान से उनके मंदिर में स्थापित कर दिया गया है। इस दौरान भारी संख्या में भक्तों का जनसैलाब देखने को मिला। माता रानी के जयकारों से पूरा इलाका भक्तिमय हो गया। बच्चे से लेकर हर वर्ग के लोगों में अलग उत्साह देखने को मिला।

जानें पूरा मामला

ग्रामीणों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, आज से लगभग 27 साल पहले यानि 1997 में ब्योहारी थाना क्षेत्र के ग्राम जमुनी में स्थित लोढ़ा माता मंदिर से अचानक माता रानी की प्रतिमा गायब हो गई थी। मंदिर के पुजारी प्यारे लाल ने इसकी शिकायत गांववालों के साथ जाकर थाने में दर्ज कराई गई थी। जिस पर पुलिस ने अपराध क्रमांक 218/97 के तहत अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामला आस्था से जुड़ा हुआ था, इसलिए उस समय इसे गंभीरता से लेते हुए जांच-पड़ताल करते हुए करीब 2 सप्ताह के अंदर चोरों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार भी कर लिया गया। जिनके पास से चोरी की गई मूर्ती भी बरामद कर ली गयी थी, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के तहत यह मूर्ति वापस दी जानी थी, इसलिए इसे सुरक्षारार्थ थाने के माल गोदाम में रखवा दिया गया था, जो कि पिछले 27 वर्षों से वहीं रखी हुई थी।

टीआई से किया संपर्क

हालांकि, कई बार पुजारी और ग्रामीणों ने मूर्ति थाने से लाने का प्रयास किया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया के बाद न्यायालय से इस संबंध में आदेश नहीं दिया। जिसके बाद पुजारी समेत गांव वालों ने मूर्ति लाने के लिए वर्तमान थाना प्रभारी ब्योहारी अरुण पांडेय से संपर्क किया। साथ ही पूरे मामले से उन्हें अवगत करया।

गोदाम में रखी थी मूर्ति

थाना प्रभारी ने सबसे पहले माल गोदाम में रखे उस मूर्ति को खोजने का निर्देश दिया। काफी मशक्कत के बाद लोढ़ा माता की मूर्ति मिल गई, जिसे सम्मानपूर्वक बाहर निकाला गया। जिसके बाद थाना प्रभारी ने पुजारी और ग्रामीणों को मूर्ति प्राप्त करने के लिए न्यायालय में की जाने वाली प्रक्रिया समझाई। जिसे पूर्ण करने पर न्यायालय द्वारा थाना पुलिस को उक्त मूर्ति संबंधित लोगों को सुपुर्द करने का आदेश दिया। इसके बाद थाना प्रभारी अरुण पांडेय द्वारा सम्मान के साथ पुजारी प्यारेलाल को लोढ़ा माता की मूर्ति सौंप दी।

पुजारी ने कही ये बात

वहीं, पुजारी राम प्यारे ने बताया कि वह लोढ़ा माता मंदिर से उक्त मूर्ति चोरी हो जाने से काफी दुखी हो गया था। उन्होंने निर्णय लिया था कि जब तक माता रानी की मूर्ती मंदिर पुनः स्थापित नहीं हो जाएगी, वह चप्पल नहीं पहनेंगे। जिसके बाद पिछले 27 सालों से पुजारी बिना चप्पल के ही चल रहे हैं। अब मंदिर की मूर्ति को पुनः स्थापित कर देने के बाद पुजारी समेत पूरे गांव में जश्न का माहौल हैं।

राहुल सिंह राणा, शहडोल


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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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