Sheopur News : प्रदेश में व्यापमं घोटाले की आंच अभी ठीक तरह से ठंडी भी नहीं हो पाई है कि अब शिक्षक भर्ती घोटाले ने सरकार की परेशानी बढ़ा दी है। इस बड़े घोटाले में चम्बल संभाग पूरे मध्य प्रदेश में पहले स्थान पर है। यहां पर अभ्यर्थियों ने फर्जी विकलांगता पत्र के सहारे आरक्षित कोटे में नौकरी हासिल की है। जब यह मामला श्योपुर जिले कलेक्टर के संज्ञान में आया तो उन्होंने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को जांच के निर्देश दिए। जांच के दौरान 7 शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए थे। इस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सात शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है।
बता दें कि जिला शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में 33 शिक्षकों ने फर्जी दिव्यांग प्रमाण-पत्र के आधार पर नौकरी हासिल की थी। जिसमें 4 को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर दिया गया था उनमें से 29 पर कार्रवाई की जा रही थी जिसमें से अब सात शिक्षकों पर कार्रवाई करते हुए उनको बर्खास्त कर दिया गया है। अभी भी इस पूरे मामले में जाँच जारी है।
इन सात शिक्षकों को किया बर्खास्त
1.आरती बंसल पुत्री महेश बंसल निवासी सबलगढ़
2. सतीश रावत पुत्र रामदयाल रावत निवासी गोंद लिहार जवरोल सबलगढ़
3. बलिराम पुत्र रामलाल शर्मा निवासी झुंडपुरा
4. श्रीराम प्रजापति पुत्र खचेरुलाल प्रजापति निवासी मांगरोल सबलगढ़
5. फ़रन सिंह पुत्र बदन सिंह निवासी तूड़ीला जिला मुरैना
6. अरविंद रावत पुत्र तुलसीराम रावत निवासी भरोठा
7. देवेंद्र सिंह रावत पुत्र ऋषिकेश रावत निवासी भैंसाई विजयपुर शामिल है।