शिवपुरी पुलिस हवा में उड़ा रही मुख्यमंत्री के निर्देश, बीजेपी नेता ने किया ट्वीट

Gaurav Sharma
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शिवपुरी, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में लोगों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई वापस दिलाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) और गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) के द्वारा चलाई जा रही मुहिम (campaign) शिवपुरी (Shivpuri) के करैरा में ठंडी पड़ती नजर आ रही है।

दरअसल तमाम बैठकों में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री साफ तौर पर जिले के पुलिस कप्तानों को यह निर्देश (Instructions) दे चुके हैं कि किसी भी चिटफंड कंपनी (Chitfund Company) के खिलाफ सख्त कार्रवाई (Strict Action) की जाए और यह कार्रवाई सीधे कंपनी के मालिकों के खिलाफ हो । इसी आदेश के अनुपालन में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में कई कंपनियों के ऊपर कार्रवाई की गई है लेकिन शिवपुरी जिले की करैरा विधानसभा में तकरीबन 8,000 से ज्यादा निवेशकों के 40 करोड़ से ज्यादा रुपए सहारा की क्रेडिट सोसायटीयो मे डिपॉजिट हैं और परिपक्वता अवधि पूरी होने के बाद भी कंपनी द्वारा निवेशकों को पैसा वापस नहीं किया जा रहा है ।

इसे लेकर विधानसभा के उपचुनाव के दौरान भी मुख्यमंत्री को ज्ञापन (Memorandum) दिया जा चुका है और तमाम स्तर पर इसके खिलाफ शिकायत भी की गई है। बावजूद इसके कार्रवाई पुलिस थाने में ठंडे बस्ते में डाल दी गई है ।लोगों का पैसा वापस दिलाने में अहम भूमिका निभाने वाले बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य सुरेंद्र शर्मा ने भी शिवपुरी के जिला पुलिस अधीक्षक से यह मांग की है कि वह मुख्यमंत्री के आदेशों के अनुपालन में लोगों का पैसा दिलाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करें।

बावजूद इसके पुलिस अभी तक कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। बुधवार को हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में कलेक्टर कमिश्नर कांफ्रेंस के दौरान मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों (Superintendents of Police) को निर्देश दिए थे कि वह लोगों को उनका पैसा दिलाने में कठोर कार्रवाई करें । करैरा में तो खुद सहारा कंपनी के ही ब्रांच मैनेजर ( Branch Manager) और कंपनी के एजेंट कंपनी (Agent Company) के खिलाफ शिकायत कर चुके हैं लेकिन इसके बाद भी कार्रवाई न किया जाना पुलिस की कार्यप्रणाली पर संदेश को पैदा कर रहा है ।मुख्यमंत्री के निर्देशों की भी साफ तौर पर तामील ना होती दिख रही है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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