शिवपुरी, शिवम पाण्डेय। कोलारस भाजपा विधायक वीरेंद्र रघुवंशी (Kolaras BJP MLA Virendra Raghuvanshi) ने जूनियर डॉक्टर से माफी मांगी हैं लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें वापस लौटा दिया। क्योंकि सभी डॉक्टर्स एफआईआर दर्ज करने की बात पर अड़े हुए हैं। और उन्होंने विधायक के आगे नारेबाजी भी की है। यही नहीं उन्होंने आरोप लगाया है कि ड्यूटी पर तैनात डाक्टर को अपने साथियों से पिटवाया और डाक्टर को कंपाउंडर भी कहा है।
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बता दें कि जिले के मेडिकल कॉलेज में 1 नवंबर की रात को विधायक की भांजी संगीता रघुवंशी को मेडिकल कॉलेज में अपेंडिस का ऑपरेशन करने के लिए भर्ती हुई थी उसी दौरान देखने के लिए लगभग 11 बजे विधायक दलबल के साथ पहुंचे। मरीज की हालत को देखते हुए विधायक ने वहां बैठे ड्यूटी डॉक्टर को कंपाउंडर समझकर कहा कि कहां है डॉक्टर, और कौन है?, उन्हें बुलाओ, हमको बात करनी है। हालाँकि डॉक्टर वहां पर ड्यूटी पर तैनात थे, इसलिए उन्हें कंपाउंडर के नाम का संबोधित करना बुरा लग गया।
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बताया जा रहा है कि ड्यूटी डॉक्टर एवं विधायक के बीच विवाद इतना बढ़ गया कि विधायक के गनर ने ड्यूटी डॉक्टर में थप्पड़ जड़ दिए। डॉक्टर के साथ मारपीट किए जाने की सूचना जब अन्य डॉक्टरों को मिली तो वे भी एकजुट हो गए। और डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग करने लगे। कार्यवाही ना होने के बाद आज सुबह से मेडिकल कॉलेज के लगभग 500 डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। जिससे मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य व्यवस्था है चरमरा गई मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं विधायक ने अपने पेशेंट को मेडिकल कॉलेज से ग्वालियर रेफर करवा दिया।
गौरतलब है कि उधर डॉक्टरों को हड़ताल से वापस लाने के लिए मेडिकल कॉलेज में एक टीम गठित की गई थी जिसने हड़ताल पर बैठे डॉक्टरों के एक दल से हड़ताल खत्म करने को लेकर बातचीत की थी फिलहाल बैठक बेनतीजा साबित हुई। हड़ताल पर बैठे डॉक्टर विधायक पर कार्यवाही की मांग को लेकर अड़े हुए हैं साथ यह इस घटना के सीसीटीवी वीडियो के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ भी कार्यवाही की मांग की गई। डॉक्टरों का कहना है कि जिस समय विधायक के द्वारा डॉक्टर के साथ मारपीट की गई थी उस समय के सीसीटीवी फोटोज़ को हटा दिया गया है।
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इधर भाजपा विधायक के कोरोना काल वाले बयान पर व जूनियर डॉक्टर के साथ मारपीट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। डॉक्टरों की मांग है कि विधायक पहले कोरोना काल वाले बयान पर माफी मांगे जिसके बाद वह अपने हड़ताल को खत्म कर काम पर लौट जाएंगे लेकिन वह अपने कार्यस्थल पर हाथ में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे जब तक विधायक रघुवंशी पर डॉक्टर प्रोटेक्शन एक्ट के तहत मामला दर्ज नहीं हो जाता है।