डीईओ ने शराबी शिक्षक को किया निलंबित, नशे में धुत बोर्ड पर सही से नही लिख पाए थे “कलेक्टर व सिंगरौली”

डीईओ दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो के तथ्यात्मक परीक्षण के लिए जिला स्तरीय जांच टीम द्वारा 5 फरवरी को शासकीय प्राइमरी स्कूल फसिहवा टोला का निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि रामसुन्दर पनिका प्राइमरी स्कूल फसिहवा टोला, संकुल केन्द्र गन्नई में दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर अनुपस्थित पाये गए।

Singrauli

Singrauli News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले से एक बड़ी खबर सामने आई है। जहां, शासकीय प्राइमरी स्कूल फसिहवा के शराबी शिक्षक रामसुन्दर पनिका को जांच प्रतिवेदन के आधार पर जिला शिक्षा अधिकारी एस बी सिंह ने कलेक्टर अरूण परमार के निर्देश पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। दरअसव, शिक्षक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसमें शिक्षक शराब के नशे में धुत्त होकर विद्यालय पहुंचकर उल्टी-सीधी बाते कर रहा था। मामला सामने आने पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को जांच करने के लिए निर्देशित किया था। जहां जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए जिला स्तरीय जांच टीम गठित किया था।

रोज शराब पीकर आता था स्कूल

डीईओ दफ्तर से मिली जानकारी के मुताबिक वायरल वीडियो के तथ्यात्मक परीक्षण के लिए जिला स्तरीय जांच टीम द्वारा 5 फरवरी को शासकीय प्राइमरी स्कूल फसिहवा टोला का निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि रामसुन्दर पनिका प्राइमरी स्कूल फसिहवा टोला, संकुल केन्द्र गन्नई में दोपहर 1 बजकर 23 मिनट पर अनुपस्थित पाये गए। वहीं जब शिक्षक द्वारा फोन कराया गया तो उपस्थित हुए। जॉच टीम द्वारा शराब पीने के संबंध में पूछा गया तो पनिका ने बताया कि रोज सुबह शराब पीकर विद्यालय आता हूं। शराबी शिक्षक से जब सिंगरौली और कलेक्टर शब्द लिखवाया गया था उसने दोनों शब्दों को ठीक-ठीक नहीं लिख पाया था।


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।