सिंगरौली, राघवेंद्र सिंह गहरवार। जिले में दिल झकझोर देने वाले मामले सामने आए हैं, जिसमें एक पिता को अपने बेटी का शव खाट पर लेकर 35 किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर होना पड़ा। वहीं एक गर्भवती महिला ने एंबुलेंस न मिलने के कारण जंगल में बच्चे को जन्म दिया। सिस्टम की अनदेखी की इन शर्मनाक तस्वीरों को देखकर कई सवाल खड़े हो गए। क्या हम इंसानी बस्ती में रहते हैं या फिर वाकई ये सिस्टम सड़ गया है जिसके चलते एक लाचार बाप खटिया पर अपने बेटी के शव को लेकर पैदल चलने को विवश हो गया।
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बेटी का शव खाट पर रखकर 35 किलोमीटर चला पिता
मामला निवास पुलिस चौकी क्षेत्र के गड़ई गांव का हैं। यहां धिरूपति की 16 वर्षीय नाबालिग बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों ने घटना की सूचना निवास पुलिस चौकी में दी लेकिन पुलिस प्रशासन से सहयोग नहीं मिला। इस बीच पिता बेटी का शव खाट पर लेकर पोस्टमार्टम कराने के लिए 35 किलोमीटर तक ले गया। बेबस पिता का कहना था कि करें तो क्या करें। पुलिस ने सहयोग नहीं किया और शव वाहन बुलाने पर भी नहीं आया तो उसे ये कदम उठाने पर मजबूर होना पड़ा।
गर्भवती महिला को नही मिली एम्बुलेंस, जंगल में ही हुआ प्रसव
वहीं दूसरा मामला सरई तहसील अंतर्गत ग्राम जट्टाटोला का है जहाँ एक गर्भवती महिला को अस्पताल ले जाने के लिये 108 एम्बुलेंस नही मिली। इस कारण गर्भवती महिला ने जंगल मे ही सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। ग्राम जट्टाटोला निवासी श्यामकली सिंह गर्भवती थी और प्रसव का समय करीब आ गया था। उनके द्वारा 108 एम्बुलेंस पर फोन करके बुलाया गया लेकिन एम्बुलेंस के ड्राइवर द्वारा कहा कि मैं नही आ सकता। मजबूरी में लक्षनधारी सिंह गोड़ अपने पत्नी को सायकल पर लेकर सरई अस्पताल के लिए लेकर चल पड़ा। लेकिन रास्ते में ही महिला को पीड़ा होने लगी और रात के समय जंगल में ही उसने सड़क पर बच्चे को जन्म दिया। इस घटना ने सरकार व जिले की व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है। परिवार के द्वारा 181 पर सूचना दी गई जिसके बाद प्रसव के 2 घंटे बाद 108 एम्बुलेंस मौके पर पहुंची।
कांग्रेस ने सरकार को घेरा, उठाए सवाल
यूथ कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष प्रवीण सिंह चौहान ने कहा है एक तरफ भाजपा के जनप्रतिनिधि, सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष सहित तमाम नेता सम्पूर्ण लॉकडाउन में नियमों को ताक पर रखकर धरना करते हैं। लेकिन सिंगरौली जिले में शर्मसार करने वाली घटनाओं पर आखिर भाजपा के नेता व जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी क्यों साधी हुई है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार सिर्फ घोषणाएं करती है लेकिन असल में जिले में सरकार की योजनाओं की पोल खुलते दिख रही है। एक पिता को शव वाहन न मिलने से अपने बच्ची का शव पोस्टमार्टम के लिए खाट पर रखकर ले जाना पड़ता है तो वही दूसरी तरफ गर्भवती महिला को प्रसव के लिए 108 एम्बुलेंस न मिलने से साइकिल पर बैठाकर पैदल सरई अस्पताल ले जाया जाता है, जहाँ जंगल में ही बीच रास्ते पर महिला बच्चे को जन्म देती है। उन्होने सवाल किया कि क्या यही विकास है सिंगरौली जिले का।
सिंगरौली- बेटी के शव को खाट पर रखकर 35 किलोमीटर लेकर आया पिता pic.twitter.com/u8hKWxp8rB
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सिंगरौली- गर्भवती महिला को नहीं मिली एंबुलेंस, जंगल में दिया बच्चे को जन्म। कांग्रेस ने सरकार को घेरा। pic.twitter.com/Ckl9Sbgx17
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