यहां नरकंकाल मिलने से मचा हड़कंप, चौकी प्रभारी नहीं लगा पा रहे आपराधों पर लगाम

Gaurav Sharma
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सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। विंध्य नगर थाना क्षेत्र के जयंत चौकी अंतर्गत नर कंकाल मिलने से क्षेत्र में मचा हड़कंप । वही सूत्रों की माने तो अज्ञात नर कंकाल मिलने की सूचना के घंटो बाद जयंत चौकी प्रभारी अपने दल बल के साथ मौके पर पहुंचकर जांच में जुटे हुए हैं। विंघ्यनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत बढ़ रहे अपराधों के ग्राफ को लेकर क्षेत्र की जनता भी अब अपने आप को भयभीत और असुरक्षित महसूस कर रही है। वही क्षेत्र में अवैध कार्यों से लेकर तेजाब कांड,हत्या जैसे संगीन अपराधों को अपराधी बेखौफ अंजाम दे रहे हैं।

इतना ही नही जयंत चौकी अंतर्गत चौकी प्रभारी साहब के कार्यकाल में तेजाब कांड तक घटित हो गया। ऐसे में जनता भी सवाल पूछ रही है कि जब जिले के कई थाना व चौकी प्रभारी इधर उधर कर दिए गए तो जयन्त चौकी प्रभारी आखिर अब तक एक ही चौकी में कैसे जमे हुए है। यैसे में जनता के सवालों का जवाब किसी के पास नजर नहीं आ रहा है।

बता दें कि पूर्व में चौकी में गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। ऐसे में इस घटना को गुमसुदा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। वही चौकी प्रभारी का कहना है कि अभी अज्ञात मानकर जांच चल रही है लेकिन हो सकता है कि गुमसुदा वाले व्यक्ति का कंकाल से कनेक्शन हो सकता है। यैसे में जयंत चौकी की पुलिस और उसकी कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है कि आखिर जब गुमसुदगी की रिपोर्ट जयंत चौकी में दर्ज थी तो अंगद की पांव की तरफ जमे हुए चौकी प्रभारी क्या कर रहे थे, गुमसुदा कि खोज क्यो नही हो पाए।

इतना ही नही जयंत चौकी अंतर्गत चौकी प्रभारी साहब के कार्यकाल में तेजाब कांड तक घटित हो गया ऐसे में जनता भी सवाल पूछ रही है कि जब कई थाना व चौकी प्रभारी इधर उधर कर दिए गए तो आखिरकार जयंत चौकी प्रभारी इस बार साल भर से अंगद की पांव की तरफ जयंत चौकी में किसके संरक्षण में जमे हुए है। जब कि इसके पहले भी ये यहां लगभग 2 वर्षो तक प्रभारी और सालों इसी चौकी में मुंसी रह चुके है, आखिर एक ही चौकी में लगभग पूरी नौकरी किसके संरक्षण में कर रहे है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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