सिंगरौली। राघवेन्द्र सिंह।
सिंगरौली जिला प्रशासन और छतीसगढ़ प्रशासन की निष्क्रियता के कारण 7 दिन बाद भी नही मिला मानवी ठक्कर का शव वही आपको बता दे कि NDRF ने अब मोर्चा संभाला हुआ है रकसगंडा जलप्रपात में गिरी मध्यप्रदेश की 8 वर्षीय बेटी की तलाश हेतु उड़ीसा प्रांत से पहुंची एनडीआरएफ की 18 सदस्यीय फोर्स का ऑपरेशन मानवी रेड नदी में बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ के कारण रविवार को दो बजे तक शुरू नहीं हो पाया। इस बीच चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के 200 से भी अधिक ग्रामीणों व श्रमिकों के सहयोग से रेत की बोरियों से तटबंधान का काम युद्ध स्तर पर जारी है।
गौरतलब है कि पिछले रविवार 20 जनवरी को मध्यप्रदेश की जयंत कालरी से पिकनिक मनाने पहुंचे ठक्कर परिवार की 8 वर्षीया बेटी मानवी ठक्कर पिता लीलाधर ठक्कर अनियंत्रित होकर रकसगंडा जलप्रपात में गिर गई थी। जिसकी पिछले 7 दिनों से गोताखोरों, तैराको एवं परिजनों द्वारा लगातार तलाश की जा रही थी, लेकिन मासूम मानवी ठक्कर का पता नहीं चल पाया। इसी बीच शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा अनुक्रिया बल के अधिकारियों के संज्ञान में यह पूरा मामला आया और एनडीआरएफ की 18 सदस्यीय फोर्स विभिन्न प्रकार के संसाधनों के साथ रकसगंडा पहुंच गई।
सूरजपुर पुलिस के साथ मिलकर शुरू हुआ अभियान – मासूम मानवी ठक्कर की तलाशी के लिए एनडीआर फोर्स के इंस्पेक्टर चंदन कुमार शाह ने सूरजपुर पुलिस के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जाहिर की है। जिस पर एसपी गिरिजा शंकर जायसवाल ने एसडीओपी डॉ. ध्रुवेश जायसवाल एवं चांदनी थाना प्रभारी विकेश तिवारी को पूरी टीम के साथ हर संभव सहयोग प्रदान करने निर्देशित किया और एसडीओपी डॉ. ध्रुवेश जायसवाल ने रकसगंडा पहुंचकर एनडीआरएफ की फोर्स के साथ मिलकर इस अभियान से क्षेत्र के 200 से भी अधिक ग्रामीणों, जनप्रतिनिधियों, श्रमिकों व पुलिस के जवानों को जोड़कर प्रथम चरण में रेत की 5 हजार से भी अधिक बोरियां तैयार कराई और जलप्रपात के तेज बहाव को कम करने हेतू तटबंधान का काम शुरू कर दिया।
बारिश के कारण ऑपरेशन मानवी हुआ देर से शुरु – क्षेत्र में पिछले 2 दिन से झमाझम बारिश होने के कारण रेड नदी का जलस्तर बढ़ गया है और रकसगंडा में बाढ़ जैसी स्थिती निर्मित हो गई है। रविवार को 3 बजे तक नदी का जलस्तर कम होने की उम्मीद जताई जा रही थी। इस बीच स्थानीय ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस एवं एनडीआर फोर्स के सदस्यों ने तटबंधान का काम पूरे दिन जारी रखा। दोपहर बाद ऑपरेशन मानवी शुरू कर दिया गया।
सिलेंडर और लेजर लाइट लेकर खोह में घुसी फोर्स – एसडीओपी डॉ ध्रुवेश जायसवाल एवं रिस्पांस फोर्स के इंस्पेक्टर चंदन कुमार शाह ने संयुक्त रूप से बताया कि ऑपरेशन मानवी की लाश जलप्रपात के निचले स्तर पर जानलेवा खोह में फसी होने की संभावना है, इस खोह में फोर्स के प्रशिक्षित मेंबर ऑक्सीजन सिलेंडर और पानी के अंदर का दृश्य देखने में सक्षम लेजर लाइट लेकर घुसे। एहतियाती सुरक्षा के इंतजाम करने में थोड़ा वक्त लगा लेकिन अनुकूल समय आते ही ऑपरेशन शुरू कर दिया गया।