पुलिस ने किया अंधी हत्या का पर्दाफाश, रांची से किया हत्यारा गिरफ्तार

Gaurav Sharma
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सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। बीते बुधवार कि सुबह नवानगर थाना क्षेत्र के निगाही जंगल में हुई अंधी हत्या कि घटना में मुख्य आरोपी एवं उसकी पत्नी को काफी जद्दोजहद के बाद लातेहार झारखंड से पकड़ लाया गया है। विगत शनिवार कि रात में हुई हत्या के बाद बुधवार कि सुबह मिले युवक के शव कि घटना में एसपी बीरेन्द्र सिंह स्वयं मौका निरीक्षण कर नवानगर टीआई यूपी सिंह को घटना कि जांच एवं आरोपियों को गिरफ्तारी हेतु जिम्मेदारियां दी थी। जिसके बाद नवानगर पुलिस सिंगरौली पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह के निर्देशन में जांच पड़ताल शुरु की गई, जिसके बाद आरोपी को रांची से गिरफ्तार किया गया। घटना का खुलासा करते हुए एसपी वीरेंद्र सिंह ने बताया कि रात मृतक रामलल्लू एवं उसका परिचित दोस्त लंबू अग्रवाल एक साथ शराब पी रहे थे। इसी बीच मृतक रामलल्लू लंबू की पत्नी से छेड़छाड़ एवं ज्यादती का प्रयास करने लगा। जहां पर आरोपी लंबू अग्रवाल पत्नि के साथ होती छेड़छाड़ देख आगबगुला हो गया और उसने रामलल्लू के गर्दन पर कुल्हाडी़ मार दी, जिससे उसकी गर्दन धड़ से अलग हो गई थी।

एसपी वीरेंद्र सिंह की उपस्थिति में एएसपी अनिल सोनकर ने बताया कि घटना के बाद लंबू एवं उसकी पत्नी सुमित्रा ने मिलकर मृतक के शव को बोरे में पैक कर स्थानीय निगाही के जंगल में फेंक कर झाडि़यों से छुपा कर सोमवार को भाग निकले थे। सीएसपी देवेस पाण्डेय और टीआई यूपी सिंह के मौजूदगी में उन्होने बताया कि इस घटना स्थल पर पुलिस के पहुंचने कि खबर पाते ही आरोपी अपनी पत्नी सहित फरार हो गया था। जगह-जगह खोजबीन करते हुए उसकी पत्नी को विंध्यनगर थाना क्षेत्र के गहिलगढ़ से गिरफ्तार किया गया। वही लंबू अग्रवाल चकमा देकर झारखंड धनबाद भाग निकला था, जिसकी तलाशी में पुलिस टीम को खासी मशक्कत करनी पड़ी। एएसपी अनिल सोनकर के मार्गदर्शन और टीआई यूपी सिंह के नेतृत्व की गई इस विवेचना में मुख्य आरोपी लंबू और उसकी पत्नी के विरुद्ध अपराध क्र 261/2020 धारा 302,201भादवि एवं 3(2)(5) एससी/एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है।

उक्त कार्रवाई में नवानगर थाना प्रभारी यूपी सिंह,उपनिरीक्षक सी.के.सिंह,सहायक उपनिरीक्षक नृपेन्द्र सिंह,प्रधान आरक्षक उत्तम सिंह,संजीत सिंह,सुनील दुबे,इन्द्रेश पाण्डेय,आरक्षक फूल सिंह,अजीत सिंह,कुलदीप शर्मा,टुम्मन पन्द्रे,अनूप सिंह,जीवन भाटी,राजमणि मिश्रा,महिला आरक्षक बेला सिंह एवं रानू सिंह,सायबर सेल आरक्षक विजय खरे,सोबाल वर्मा व दीपक परस्ते की सराहनी भूमिका रही


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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