सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। अगर देखा जाए तो सिंगरौली जिले (Singrauli District) के कोतवाली थाना अंतर्गत खुटार चौकी में नवागत चौकी प्रभारी के पदभार संभालते ही चौकी पर एक नहीं बल्कि कई भ्रष्टाचार के दाग लग चुके है। फिर चाहे वो चौकी परिसर में इंजन की अदला बदली का खेल हो या फिर खाली ट्रैक्टर पकड़कर चौकी में लाकर चौकी परिसर में खुद रेत डलवाने का मामला। बात यही पर खत्म नहीं होती है, ट्रैक्टर के इंजन की अदला बदली की जांच नगर पुलिस अधीक्षक को सौंप दी गई और फिर क्या था CSP साहब जांच के नाम पर मामले को महीने से घसीट रहे हैं लेकिन कार्रवाई करने के बजाय संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं।
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एक जिले में दो नियम
बात यही ख़त्म नहीं होती है। बात करें नियमों की तो एक जिले में ही दो नियम चल रहे हैं। दरअसल सरई थाना अंतर्गत निवास चौकी में एक मृतक को शव वाहन उपलब्ध न कराने के मामले में 24 घंटे में SI अरुण सिंह बघेल सहित अन्य लोगो को निलंबित कर दिया गया। लेकिन वहीं दूसरी तरफ चौकी परिसर में इतना बड़ा कृत्य घटित हो जाता है। जिससे जनता में पुलिस की इज्जत धूमिल होती हुई दिखाई दे रही है लेकिन जांच कर्ता जांच रिपोर्ट देने में आनाकानी कर रहे हैं। इससे साफ़
सूत्रों की माने तो CSP विंध्यनगर को दो लोगो द्वारा कथन बयान के साथ फ़ोटो, वीडियो व आडियो उपलब्ध कराया गया। इसके बावजूद खुटार चौकी प्रभारी पर कार्रवाई करने में पुलिस विभाग के आलाधिकारियो का हाथ पांव फूल रहे हैं। सूत्र यह भी कहते है कि इंजन की अदला बदली मामले में कई जनप्रतिनिधियों के द्वारा चौकी प्रभारी को बचाने के लिए भी दबाव बनाया गया है। वहीं पुलिस विभाग के कई लोगो का भी संरक्षण चौकी प्रभारी को प्राप्त है। जिसके कारण आज चौकी क्षेत्र खुटार में जरौंधा नदी, खजूरी कटौली से पिपरा झांपी से लगातार ट्रैक्टर से रेत निकल रहे हैं और निलके भी क्यो न जब चौकी प्रभारी को जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ कुछ पुलिस अधिकारियों का समर्थन मिल रहा है तो यह हों लाजमी है।
खुटार चौकी एक मात्र ऐसी चौकी है जहाँ रात तो रात, दिन में भी रेत का अवैध परिवहन हो रहा है। एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री कहते है कि वो रेत माफियाओ को नेस्तनाबूद कर देंगे। अवैध रेत का कारोबार करने वालो को नही छोड़ेंगे। वहीं जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन भी अवैध रेत पर रोक लगाने की लगातार बात कह रही है। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन व पुलिस अधीक्षक के निर्देश को खुली चुनौती देते हुए दिन रात अवैध रेत का परिवहन करवा रहे हैं। वहीं लोग कहते है कि चौकी प्रभारी द्वारा खुलेआम कहा जाता है कि वो एक बड़े जनप्रतिनिधि के करीबी व रिश्तेदार है। इसलिए उनका कोई कुछ नहीं कर सकता और ये बात कुछ हद तक साबित भी हो रही है। क्योंकि चौकी प्रभारी के खिलाफ जो जांच थी वो अब तक ठंडे बस्ते में है लेकिन पुलिस कार्रवाई करने में पीछे हट रही है।
इधर, जब “एमपी ब्रेकिंग न्यूज” की टीम द्वारा रेत का ग्राहक बनकर रेत माफियाओं से रेत लेने की बात की गई तो उन्होंने कहा कि एक ट्रिप का 3000 हजार लगेंगे। क्योकि महीने का एंट्री बढ़ गया है। लेकिन इस बात में कितनी सच्चाई है ये तो ट्रैक्टर मालिक जाने लेकिन दिन में अवैध रेत का परिवहन कर रहे ट्रैक्टर पर कार्रवाई की जगह खुटार पुलिस की मेहरबानी समझ से परे है।
आप वीडियो में साफ साफ देख सकते है कि जरौंधा नदी से रेत लोड करके ललमटिया होते हुए गहिलरा तरफ से रात के अंधेरे में रेत का अवैध परिवहन तो हो ही रहा था। अब तो दिन में भी होने लगा है। आपको बता दे कि ऐसा नही है कि पुलिस के आलाधिकारी इस मामले से अनजान है उन्हें भी सब कुछ पता है लेकिन कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रहे हैं।
तबादले के बाद खुटार चौकी से कारखास का नहीं हो रहा मोह भंग
आपको बता दे कि हाल ही सिंगरौली पुलिस अधीक्षक द्वारा सिंगरौली जिले में बड़े स्तर पर कार्रवाई करते हुए तबादला किया गया था। जिसमें खुटार चौकी के एक आरक्षक को पुलिस लाइन अटैच किया गया। लेकिन कारखास होने के कारण खुटार चौकी प्रभारी द्वारा पुलिस अधीक्षक के आदेश के बावजूद आरक्षक को रवानगी नहीं दी जा रही है।