Singrauli News : 100 फीट गहरे बोरवेल में गिरी 3 साल की बच्ची, रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटा प्रशासन

मध्यप्रदेश में बोरवेल में बच्चों के गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई बच्चे ऐसे हादसों का शिकार हो चुके हैं। जिसके बाद मोहन कैबिनेट ने इन दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक पारित किया। इसमें ट्यूबवेल खोदने से पहले अनुमति लेने और ट्यूबवेल नहीं खुला छोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने की बात कही गई है।

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Singrauli News : मध्य प्रदेश सरकार की लाख समझाइश और चेतावनी के बाद भी बोरवेल के हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। आए दिन बच्चे इन खुले बोरवेल का शिकार बनते हैं। सोमवार को सिंगरौली जिले में एक मासूम बच्ची 100 फीट गहरे बोरवेल में गिर गई। जिस वक्त यह हादसा हुआ, बच्ची अपने पिता के साथ खेत पर खेल रही थी। तभी खेलते-खेलते खुले बोरवेल में गिर गई। इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है वहीं प्रशासन ने घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव कार्य शुरू कर दिया है।

100 फीट गहरे बोरवेल में गिरी सौम्या

घटना सिंगरौली जिले के बरगवां थाना क्षेत्र के कसर गांव की है, सोमवार की शाम राम प्रसाद साहू अपनी मासूम 3 वर्षीय बच्ची सौम्या साहू के साथ खेत पर गया था। तभी वह खेत पर ही अपने काम में व्यस्त हो गया और बच्ची खेलने लगी, इस दौरान खेलते वक्त सौम्या खुले पड़े बोरवेल में जा गिरी।स्थानीय लोगों की मानें तो बोरवेल की गहराई लगभग 100 फीट है। घटना की सूचना मिलते ही सिंगरौली कलेक्टर, एसपी व भारी संख्या में प्रशासन मौके पर पहुंचे।प्रशासन ने बच्ची को बचाने के लिए रेस्क्यू कार्य शुरू कर दिया है।

जन्मदिन पर बोरवेल में गिरी बच्ची, नहीं मिला सुराग

बोरिंग के एक तरफ जेसीबी मशीन लगाकर गड्ढा तैयार किया जा रहा है। वहीं इस हादसे के बाद से बच्ची के परिजनों को रो-रोकर बुरा हाल है। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि सौम्या का आज बर्थडे है। ऐसा होने से पूरा परिवार खुश था और तब तक यह घटना हो गई। अब परिवार बच्ची की सुरक्षित वापसी का इंतजार कर रहा है। परिजनों को प्रशासन ने पूरा आश्वासन दिया है कि जल्द से जल्द हम बच्ची को जीवित बोरवेल से निकाल लेंगे, वहीं मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक निवेदिता गुप्ता ने बताया कि मासूम बच्ची का अब तक कोई सुराग नहीं लग पाया है। मौके पर भारी संख्या में बचाव दल रेस्क्यू ऑपरेशन चला रहा है, बच्ची को ढूंढने और बचाने की कोशिश कर रहे हैं।

एमपी में हुए बोरवेल के कई हादसे

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में बोरवेल में बच्चों के गिरने का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी कई बच्चे ऐसे हादसों का शिकार हो चुके हैं इससे पहले रीवा में अप्रैल 2024 में 6 साल का मयंक कुएं में गिर गया था। 46 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद मयंक जिंदगी की जंग हार गया था। वहीं जून 2023 में सीहोर में सृष्टि बोरवेल में गिर गई थी। 55 घंटे चले ऑपरेशन के बाद भी सृष्टि को बचाया नहीं जा सका, और दिसंबर 2023 में राजगढ़ में माही भी बोरवेल का शिकार हुई, ऐसे कई हादसों के बाद मोहन कैबिनेट ने इन दुर्घटनाओं की रोकथाम और सुरक्षा विधेयक पारित किया। इसमें ट्यूबवेल खोदने से पहले अनुमति लेने और ट्यूबवेल नहीं खुला छोड़ने वालों पर जुर्माना लगाने की बात कही गई है।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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