स्वादिष्ट राजमा चावल ने पहुंचाया अस्पताल, एक परिवार के चार सदस्य आईसीयू में भर्ती

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। राजमा चावल (Rajma Rice) खाने के बाद क्या कोई अस्पताल पहुँच सकता है? सुनने में ये बात थोड़ी अजीब लगती है लेकिन ये बात बिलकुल सच है। ग्वालियर में राजमा चावल (Rajma Rice) खाने के बाद एक ही परिवार के चार सदस्यों  को जयारोग्य अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है, बीमारों में पिता और उसके तीन बच्चे शामिल हैं,  सभी का इलाज जारी है। डॉक्टर फ़ूड पोइजनिंग की बात कह रहे हैं, सभी की हालत स्थिर है।

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गुड़ी गुढ़ा का नाका बालाजीपुरम क्षेत्र में रहने वाले ठेकेदार शिवी कुशवाह के परिवार के सदस्यों के लिए शुक्रवार की रात राजमा चावल (Rajma Rice) खाना मुसीबत बन गया। शुक्रवार को लॉकडाउन से पहले ही शिवी कुशवाह जल्दी घर पहुँच गया वो पड़ोसी दुकानदार शंकर चौरसिया की किराने की दुकान से राजमा (Rajma) खरीद कर लाया।  पत्नी मालती ने सबके लिए राजमा चावल (Rajma Rice) बनाये। पत्नी और उसकी छोटी बेटी पूर्वी ने राजमा चावल (Rajma Rice) नहीं खाया  बाकि सभी ने राजमा चावल (Rajma Rice) खाये। थोड़ी देर बाद ही सबकी हालत बिगड़ने लगी, सिर भारी होने लगा, गले में दर्द की शिकायत करने लगे। थोड़ी ही देर में शिवी उसकी बेटी पूजा ,बेटा आकाश और सौरव की हालत बिगड़ने पर जयारोग्य अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने चेक अप किया तो फ़ूड पोइजनिंग का डाउट हुआ सभी का ट्रीटमेंट शुरू किया गया।  डॉक्टर्स का मानना है कि राजमा चावल (Rajma Rice) खाने के बाद अचानक पेट में जहर बनाने लगा लेकिन सही समय पर यहाँ ले आये इसलिए अब सब खतरे से बाहर हैं।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....