आदिवासी की वाहन से घसीटकर हत्या मामले में सामने आई पुलिस की गंभीर लापरवाही

Atul Saxena
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नीमच, कमलेश सारडा।  भील आदिवासी युवक की मारपीट के बाद वाहन से घसीटकर हत्या के मामले मे सिंगोली पुलिस थाने की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। घटनाक्रम के बाद पुलिस की लापरवाही निकल कर सामने आ रही है। इतनी  संवेदनशील घटना को लेकर पुलिस की भूमिका कितनी असंवेदनशील रही है, इसका पता घटनाक्रम को देखने के बाद पता चलता है। सिंगोली पुलिस ने घटना के बाद केवल एक्सीडेंट की धाराएं लगाकर इतिश्री कर ली लेकिन जब वीडियो से सच्चाई बाहर आई और मामला वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा तब पुलिस नींद से जागी।

दर असल घटना 26 अगस्त को हुई, गुरुवार सुबह 5 बजे कान्हा भील की मुख्य आरोपी छीतर गुर्जर से बाइक का एक्सीडेंट हुआ, उसके बाद उसके बाद घटनास्थल पर सुबह 6 बजे भीड़ जुटी और मृतक से मारपीट करते हुए उसको वाहन से बांध कर घसीटा गया, उसके बाद मृतक की बेरहमी से मारपीट करने के बाद जब उसकी हालत बिगड़ी तो 7 बजे आरोपी सरपंच पति महेंद्र गुर्जर ने कान्हा के घर वालों को दुर्घटना होने की सूचना दी । उसके बाद 7 बज कर 30 मिनट पर फिर आरोपी महेन्द्र गुर्जर ने मृतक के घर पर फोन किया और जब वो मरने की हालत में हो गया तब लगभग 7:45 पर 108 एम्बुलेंस को फोन किया और 8 बजे अस्पताल ले जाते समय कान्हा ने रास्ते में दम तोड़ दिया ।

अब पुलिस की कार्यशैली पर ये सवाल उठ रहे है कि दिनदहाड़े इतनी बड़ी घटना को आरोपियों ने अंजाम दिया, उसका वीडियो बनाया, जिसमें बुरी तरह से उसको वाहन से बांध कर घसीटा गया, फिर उसके साथ बेरहमी से मारपीट की गई । पूरे घटनाक्रम की एफआईआर रात को 8:27 बजे दर्ज की गई।  पहले पुलिस ने सिर्फ दुर्घटना की धारा लगा कर केस दर्ज किया, बाद में वीडियो वायरल होने पर डीआईजी सुशांत सक्सेना और नीमच एसपी सूरज कुमार वर्मा के सिंगोली पहुँचने के बाद पुलिस हरकत में आई और ताबड़तोड़ आरोपियों को चिन्हित करके मुख्य आरोपी सहित 4 आरोपियों को वीडियो फुटेज के आधार पर गिरफ्तार किया, जिसका खुलासा नीमच एसपी ने प्रेस वार्ता में किया ।

पूरे मामले में साफ़तौर पर पुलिस की ओर से लापरवाही उजागर हो रही है। घटना के 36 घण्टे के बाद पुलिस की नींद टूटी और कार्यवाही की वो भी तब जब पुलिस के बड़े अधिकारियों के संज्ञान में पूरा मामला आया । सूत्रों के मुताबिक अब सिंगोली थाने पर इस पूरे मामले को लेकर लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है । क्योंकि ये घटना पूरे देश मे सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है लोग सवाल उठा रहे हैं , कानून व्यवस्था पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं ।

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वहीँ  अब प्रशासन आरोपियों की संपत्ति की जांच करवा कर उनपर बुलडोजर चलाने की प्रकिया मे जुटा है जिसमें ग्राम पाटन तहसील सिंगोली मे सर्वे नम्बर 59 की शासकीय भूमि 11 हज़ार 500 वर्ग फीट में बने आवासीय भवन व आरोपी सत्तू के मकान को तोड़ा गया जिसकी कीमत 80 लाख बताई गई है। आरोपी महेन्द्र गुर्जर के अवैध मकान को तोड़ा और फरार आरोपी अमरचंद के भी अवैध मकान पर बुलडोजर चलाया।

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खास बात ये है कि सरकार में बैठे किसी मंत्री का इस घटना को लेकर कोई बयान जारी नहीं हुआ, वहीं नीमच जिले के किसी भी कांग्रेस के नेता ने इस मामले में अपना मुंह नहीं खोला, इतनी बड़ी घटना को लेकर विपक्ष की खामोश समझ के बाहर है । बसपा प्रमुख मायावती ने घटना को लेकर ट्वीट करके दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही करने को लेकर सरकार को कहा है । उधर जिला कलेक्टर नीमच ने देर रात को मीडिया में सवाल उठने पर मृतक के परिवार वालों को 4 लाख 12 हज़ार 500 रुपये की सहायता राशि तत्काल देने के निर्देश जारी किए ।

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मृतक के गांव में घटना को लेकर मातम का माहौल बना हुआ है। इधर भाजपा के अनुसूचित जनजाति के जिला अध्यक्ष पवन भील ने घटना को लेकर कहा सिंगोली क्षेत्र के गांव अथवा में दुखद घटना घटित हुई है जो कि एक जघन्य और अमानवीय कृत्य है जिसने भी यह घटना कन्हैया लाल भील (कान्हा भील) को टक्कर मारकर एवं पिकअप वाहन के पीछे घसीट कर हत्या कर दी है यह बहुत ही दुखद घटना है पुलिस प्रशासन को बिना भेदभाव के इस घटना में संलिप्त सभी लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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