इंदौर के इन विधायक ने सबकुछ किया दरकिनार और कोविड – 19 के लिहाज से पेश की ये मिसाल

इंदौर, आकाश धोलपुरे। जिले के एक वृहद राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों में आगे रहने वाले परिवार ने कोरोना को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। जो अब समाज में एक मिसाल के तौर पर सामने आ रहा है।  इस परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संदेश ‘जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं’ उक्ति को आत्मसात कर एक बड़ा निर्णय लेकर समाज में संदेश दिया है। साथ ही सोशल डिस्टेसिंग का पालन करना और मास्क पहनना कितना जरूरी है ये भी बताया है।

दरअसल, राजनीतिक रूप से बेहद ताकतवर परिवार के कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने अपने बेटे आकाश शुक्ला के परिणय उत्सव समारोह को प्रदेश सरकार और इंदौर प्रशासन की गाइडलाइन में मुताबिक सीमित कर दिया है। विवाह समारोह के 31 हजार निमंत्रण बंट चुके थे और अभी भी हजारों कार्ड बांटे जाने बाकी थे। इतना ही नहीं लाखों लोग कोविड-19 के दौर में सोशल डिस्टेसिंग का पालन कर विवाह समारोह में शिरकत कर सके, इस लिहाज से बायपास पर 5 एकड़ के बड़े परिसर में वैवाहिक आयोजन की तैयारी भी चल रही थी। लेकिन जब कोविड-19 की नई गाइडलाइन जारी की गई तो विधायक संजय शुक्ला ने उसका पालन करने के साथ ही आम लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए फैसला लिया की बड़े आयोजन को निरस्त किया जाए।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।