रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले डॉक्टर, मेडिकल संचालक सहित 3 गिरफ्तार

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।  कोरोना काल में संजीवनी बने रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir Injection) का बांग्लादेशी वर्जन इंदौर में पकड़ा गया  है। दरअसल, इंदौर क्राइम ब्रांच और सांवेर पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर डॉक्टर, मेडिकल संचालक और व्यापारी को रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir Injection) की कालाबाजारी करते गिरफ्तार किया है। तीनो ही लोग इंजेक्शन को तीन गुने दाम पर बेचने की फिराक में थे।

दरअसल, इंदौर में लगातार कालाबाजारी करने वालों पर पुलिस नकेल कस रही है। इसी कड़ी में इंदौर क्राइम ब्रांच और सांवेर पुलिस को एक सफलता मिली है। पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir Injection)को 3 गुना कीमत पर बेचने वाले 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी 20-20 हजार रुपये में इंजेक्शन बेचने का गोरखधंधा कर रहे थे। इस बार पुलिस ने सोशल मीडिया पर जारी एक संदेश के सामने आने के बाद मरीज का परिजन बन आरोपी से फोन पर रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir Injection) का सौदा किया। जब आरोपी रेमडेसिवीर इंजेक्शन (Remdesvir Injection) देने के लिए मौके पर पहुंचे तो पुलिस और क्राइम ब्रांच ने घेराबंदी कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस गिरफ्त में आये आरोपी शाहरुख, जफर और टीपू से बांग्लादेश में निर्मित एक इंजेक्शन भी बरामद किया गया है।

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बताया जा रहा है कि टीपू पेशे से डॉक्टर है वही जफर मेडिकल संचालक है और शाहरुख कपड़े का व्यवसाय करता है। फिलहाल, पुलिस पकड़े गए आरोपियों पर रासुका लगाने की तैयारी कर रही है। मिली जानकारी के मुताबिक जो रेमडेसिवीर इंजेक्शन आरोपियों से जब्त किया गया है वो निनावीर कंपनी का है। इंदौर पश्चिम एसपी महेशचंद जैन ने बताया कि पुलिस पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ कर पता लगाने में जुटी है कि वो रेमडेसिवीर इंजेक्शन कहा से लाये थे और अब तक कहां और किन लोगों को ऊंचे दामों पर बेच चुके है।

रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले डॉक्टर, मेडिकल संचालक सहित 3 गिरफ्तार

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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