अशोकनगर, हितेंद्र बुधौलिया। बीते दिनों अशोकनगर जिले में हुई भारी बरसात के बाद बाढ़ से हुये नुकसान का सर्वे करने के लिये एसडीएम कार्यालय द्वारा पटवारी को आदेश जारी किए गए थे। जिसमें आवासीय मकानों को हुई क्षति के बारे में मिथ्या, प्रतिवेदन एवं गलत जानकारी देने पर 3 महिला पटवारियों को एसडीएम ने सस्पेंड कर दिया है। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने क्षतिग्रस्त मकानों की जानकारी देने में गंभीर लापरवाही बरती है। प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि, महिला पटवारियों ने बिना मौके पर जाए घर बैठे ही रिपोर्ट तैयार की थी। इसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई है।
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अशोकनगर एसडीएम रवि मालवीय ने बताया की बाढ़ के तुरंत बाद हमने सभी पटवारियों को सर्वे करने एवं बाढ़ से नुकसान हुए मकानों की तुरंत जानकारी देने का आदेश पटवारियों को दिया था। इसके बाद जो रिपोर्ट प्राप्त हुई है उसमें कचनार व्रत के हल्का-41 की पटवारी प्रेक्षा जैन और अशोकनगर के हल्का-14 मडखेड़ा की पटवारी वर्षा भार्गव एवं हल्का-51 हिनोतिया की पटवारी हेमा शाक्य को फर्जी सर्वे प्रस्तुत करने के बाद निलंबित कर दिया गया है।
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बताया जा रहा है कि इन महिला पटवारियों ने बिना मौके पर जाये गलत जानकारी के आधार पर मकान गिरने की जानकारी प्रस्तुत कर दी थी। वरिष्ठ अधिकारियों के पास जब यह मामला पहुंचा तो नायब तहसीलदार से जांच कराई जिसमें पाया गया कि तीनों पटवारियों ने झूठी रिपोर्ट प्रस्तुत की है। जिन मकानों को बाढ़ से जायदा नुकसान हुआ ही नहीं उन्हें शत-प्रतिशत क्षतिग्रस्त बता दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इन महिला पटवारियों ने फोन पर लोगों से बात करके मनमाने तरीके से रिपोर्ट बनाई थी। बताया जा रहा है कि नई व्यवस्था के अनुसार यह पटवारियों को सर्वे के दौरान वीडियो बनाना जरूरी है। मगर इन तीनों महिलाओं के पास गांव में जाने के कोई प्रमाण नहीं मिले हैं।