Travelling responsibility: 6 साल पुराने मामले में आयोग का फैसला, कहा – ‘यात्रा करते समय अगर आपका सामान चोरी होता है, तो यह आपकी जिम्मेदारी’

Travelling responsibility: कंज्यूमर आयोग ने 6 साल पुराने एक मामले में एक बड़ा फैसला सुनाते हुए कई अहम जानकारी दी है। रेलवे ने कहा है की यात्रा के दौरान आपके सामान की जिम्मेदारी आपकी होती है। रेलवे यात्रा के दौरान आपके सामान की जिम्मेदारी नहीं रख सकता।

Travelling responsibility: भोपाल जिला उपभोक्ता आयोग ने 6 साल पुराने एक मामले में हाल ही में एक बड़ा फैसला दिया है। दरअसल आयोग का कहना है की यात्री केवल यात्रा के लिए किराया देता है। ऐसे में रेलवे सिर्फ यात्रा के लिए जिम्मेदार होता है लगेज के लिए क्षतिपूर्ति देने के लिए जिम्मेदार नहीं होता है। दरअसल रेलवे का कहना है की यदि ट्रेन में यात्रा करते समय आपका सामान चोरी होता है, तो यह आपकी जिम्मेदारी होनी चाहिए। इसमें रेलवे जिम्मेदार नहीं होगा।

क्या था मामला ?

दरअसल उपभोक्ता आयोग में भोपाल के साकेत नगर निवासी सुनीता साहनी ने एक शिकायत दर्ज की थी। जिसमे उनका कहना था कि ’29 जुलाई 2017 को जब वह भोपाल एक्सप्रेस (12155) से भोपाल से हजरत निजामद्दीन सफर कर रही थी। तब उनका एसी-2 बर्थ में रिजर्वेशन हुआ था। लेकिन यात्रा के दौरान उनकी नींद लग गई। और जब वह झांसी स्टेशन के पास जागी तो बर्थ के नीचे चेन से लॉक किए गए 2 बड़े सूटकेस चोरी हो गए थे। जिनमे गोल्ड डायमंड पैंडल रिंग, स्पोर्ट्स शूज, कपड़े, दवाइयां, स्लीपर समेत लगभग 1,25,000 रुपए का कीमती सामान मौजूद था। इसके बाद उन्होंने इसके लिए तत्काल कोच अटेंडेंट को सामान चोरी हो जाने की सूचना दी।’

30 जुलाई 2017 को FIR दर्ज कराई गई:

दरअसल इस मामले में उन्होंने चौंकाने वाले खुलासे किए थे उनका कहना था की इससे पहले कोच अटेंडर को कुछ और यात्रियों के संदिग्ध व्यवहार के बारे में भी बताया गया था, मगर कोच अटेंडर ने इसके उपर कोई एक्शन नहीं लिया था। हालांकि बाद में जब ट्रैन हजरत नवाजुद्दीन स्टेशन पहुंची तो 30 जुलाई 2017 को मामले में FIR दर्ज कराई गई। जिसमे सुनीता साहनी ने रेलवे से क्षतिपूर्ति दिलाए जाने की मांग की।

क्या दिया फैसला :

वहीं इस मामले में फैसला आयोग की बेंच क्रमांक 1 के अध्यक्ष योगेश शुक्ल और सदस्य प्रतिभा पांडे ने दिया। मामले में रेल मैन्युअल की धारा 103 ( 20), धारा 100 और सुप्रीम कोर्ट के जून 2023 में दिए गए फैसले को आधार माना गया है। वहीं इस मामले में बेंच का कहना है की- ‘यात्री यह साबित करने में असफल रहीं कि उसके सामान की चोरी रेलवे अथवा किसी कर्मचारी की उपेक्षा के कारण ही हुई थी, इसलिए रेलवे बिना बुक किए लगेज के लिए किसी प्रकार की क्षतिपूर्ति देने के लिए जिम्मेदार नहीं है।’


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Rishabh Namdev

Rishabh Namdev

मैंने श्री वैष्णव विद्यापीठ विश्वविद्यालय इंदौर से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक की पढ़ाई पूरी की है। मैं पत्रकारिता में आने वाले समय में अच्छे प्रदर्शन और कार्य अनुभव की आशा कर रहा हूं। मैंने अपने जीवन में काम करते हुए देश के निचले स्तर को गहराई से जाना है। जिसके चलते मैं एक सामाजिक कार्यकर्ता और पत्रकार बनने की इच्छा रखता हूं।

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