उज्जैन।अर्पण कुमार।
केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में बंदियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए जेल अधीक्षक अलका सोनकर के निर्देश पर आवश्यक कदम उठाए गए हैं। नए बंदियों को अलग से बैरक में रख रहे हैं । जो बंदी बीमार है उन्हें अलग उपचार दिया जा रहा है जेल में ही मास्क बनवाए जा रहे हैं, जेल में बनाए जा रहे मास्क आम लोग भी खरीद सकते हैं।
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए शहर में भीड़ भरे आयोजनों पर प्रशासन ने रोक लगा दी वही सेंट्रल जेल भैरवगढ़ में बंदियों को कोरोना से बचाने के लिए एक चुनौती बना हुआ है जेल में 2650 कैदी बंद है, ऐसे में उनमें कोरोना ना फैले इसके लिए नए कैदियों को अलग-अलग बैरक में रखा जा रहा है।
अलका सोनकर जेल सुप्रिडेंट द्वारा सख्त निर्देश दिए गये है कि यदि कोई भी परिवार वाले जेल मुलाकात पर आते है तो उन्हें मास्क लगाना अनिवार्य है । यदि कोई परिवार जन मास्क लगाकर नहीं आता तो उसके लिए जेल परिसर से मास्क उपलब्ध कराया जाएगा लेकिन उसके लिए उनको निर्धारित शुल्क भी देना होगा।
कोरोना वायरस संक्रमण से फैलने वाली बीमारी है लेकिन केंद्रीय जेल भैरवगढ़ में अधिकतम क्षमता कैदियों की 1800 है लेकिन वर्तमान में यहां 2650 यदि बंद है। वहीं जेल में जो नए बंदी आते हैं उनके लिए अलग से बैरक बनाया गया है । नये कैदी को दो-तीन दिन प्रथक रखा जाता है अच्छे से उनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाता है उसके बाद अन्य बैरक में स्थानांतरण कर दिया जाता है।
भोजन शाला में कार्य करने वाले कैदियों को भी खाना बनाते समय मास्क लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। बड़े पैमाने पर मास्क का निर्माण जेल परिसर में शुरू हो गया है, 20 से अधिक कैदी इन मास्क को बनाने में लग गए है ।जेल में 2 दिन पहले आए ज़िला एवं सत्र न्यायाधीश कुलकर्णी द्वारा जेल में बनाए जा रहे मास्क को देख बड़ी प्रशंसा की और साथ में न्यायालय कर्मचारियों को देने के लिए मंगवाने की बात भी कही ।
यदि कोई भी परिजन मास्क के बिना मुलाकात कक्ष मैं मुलाकात करने की कोशिश करेगा तो उसे मुलाकात से वंचित किया जाएगा।
जेल सुप्रिडेंट अलका सोनकर, केंद्रीय जेल भैरवगढ़