Mahashivratri 2024: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। देश और दुनिया भर से भक्त बड़ी संख्या में यहां पर पहुंच रहे हैं और बाबा के चरणों में नतमस्तक होते दिखाई दे रहे हैं। रात 2:30 बजे ही मंदिर के पट खोल दिए गए थे और इसके बाद से आस्था का सैलाब यहां पर उमड़ पड़ा है। मंदिर समिति ने 40 मिनट में श्रद्धालुओं को दर्शन करवाने का दावा किया है।
इधर पूरे जोश के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है। भोलेनाथ की बारात निकालने के साथ अलग-अलग रूप में उनका श्रृंगार किया जा रहा है और पूरा उज्जैन शिवमय है।
44 घंटे तक दर्शन
रात ढाई बजे से शुरू हुआ बाबा महाकाल के दर्शन का सिलसिला 9 मार्च की रात 10:30 बजे तक चलने वाला है। लगातार 44 घंटे तक महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने वाले हैं। शिवरात्रि पर तकरीबन 12 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए ट्रैफिक प्लान तैयार कर लिया गया है। जगह-जगह पार्किंग बना दी गई है और रोड डायवर्ट कर दिए गए हैं। मंदिर के आसपास जितने भी होटल है वह सभी बुक हो चुके हैं।
फूलों से सजा नंदी हॉल
महाशिवरात्रि का उल्लास महाकाल मंदिर में जमकर देखने को मिल रहा है। नंदी हॉल को 7 टन फूलों से सजाया गया है जिसमें देसी और विदेशी दोनों तरह के फूल शामिल है। कुछ भक्तों द्वारा मंदिर परिसर में यह सजावट करवाई गई है।
भक्तों का लगा तांता
2:30 बजे महाकाल के पट खुल जाएंगे यह बात पहले से ही श्रद्धालुओं को बता दी गई थी। यही वजह रही कि गुरुवार रात से ही लाइन लगना शुरू हो गई थी। कर्कराज मंदिर के सामने से भक्तों की लाइन लग रही है और श्रद्धालु बैरिकेड से होते हुए लगभग डेढ़ किलोमीटर का रोड तय कर महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं। मंदिर प्रशासन द्वारा श्रद्धालु के लाइन में लगने से लेकर दर्शन कर बाहर आने तक 40 मिनट का समय लगने की बात कही जा रही है।
कहां से प्रवेश और निकासी
सामान्य श्रद्धालु
सामान्य श्रद्धालु नृसिंह घाट तिराहे से गंगोत्री गार्डन होते हुए मंदिर में प्रवेश करेंगे। यहां से त्रिवेणी संग्रहालय, नंदी मंडपम, महाकाल लोक, मानसरोवर भवन से फैसिलिटी सेंटर 1 और नई टनल होते हुए कार्तिक मंडपम या गणेश मंडपम से दर्शन करवाए जाएंगे।
दर्शन करने के बाद श्रद्धालु गेट नंबर 10 और आपातकालीन द्वार से पुराने अन्नक्षेत्र से हरसिद्धि पाल होते हुए झलारिया मठ के रास्ते से बाहर निकाल पाएंगे।
वीआईपी श्रद्धालु
वीआईपी एंट्री निर्माल्य गेट से रखी गई है और दर्शन के बाद यहीं से भक्त वापस लौट सकेंगे।