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Wed, Dec 17, 2025

सावन के पहले सोमवार पर भोले की भक्ति में डूबा उज्जैन, आज भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे महाकाल

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
राजाधिराज बाबा महाकाल आज सावन महीने में अपने प्रथम नगर भ्रमण के लिए निकलेंगे। भक्त पलक पांवड़े बिछाकर अपने आराध्य का स्वागत करने को आतुर हैं।
सावन के पहले सोमवार पर भोले की भक्ति में डूबा उज्जैन, आज भक्तों का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे महाकाल

आज बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन भक्ति में डूबी गई नजर आ रही है। दरअसल आज सावन का पहला सोमवार है और बड़ी संख्या में भोले बाबा की दर्शन करने के लिए भक्त महाकालेश्वर मंदिर पहुंचे। देशभर से आए भक्तों के लिए आज मंदिर के पट भी तड़के 2:30 बजे खोल दिए गए। इसके बाद वीरभद्र जी के कान में स्वस्ति वाचन हुआ और फिर भगवान से आज्ञा लेते हुए चांदी द्वारा खोला गया।

कर्पूर आरती नंदी हॉल में नंदी जी का स्नान ध्यान करने के बाद बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस के पंचामृत से पूजन किया गया। इसके पश्चात श्रृंगार कर भस्म चढ़ाई गई। बता दें कि सावन में महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। आज सावन मास की पहली सवारी है जिसका भक्त लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं।

महाकाल की पहली सवारी आज (Mahakal)

आज राजाधिराज बाबा महाकाल की श्रावण मास में करने वाली पहली सवारी है। आज महाकालेश्वर मन महेश के रूप में पालकी में सवार होकर अपने भक्तों का हाल जानने निकलेंगे। परंपरा अनुसार 4 बजे सभा मंडप में पूजन अर्चन करने के बाद भगवान को चांदी की पालकी में बैठाया जाएगा। इसके बाद सशस्त्र पुलिस बल के जवान उन्हें सलामी देंगे।

सवारी का क्रम

सभा मंडप में पूजन के बाद बाबा महाकाल की सवारी का क्रम शुरू होगा। यह महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट स्थित रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा जल से भगवान का पूजन अर्चन करने के बाद सवारी एक बार फिर रामानुज कोट, कार्तिक चौक, खाती मंदिर, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाज़ार और गुदरी चौराहा होती हुई वापस मंदिर पहुंचेगी।

अलग होगी थीम

इस बार सावन की हर सवारी की थीम अलग तय की गई है। इतने सालों में पहली बार ऐसा किया जा रहा है। पहले थीम वैदिक उद्घोष की रखी गई है। इसके तहत जब शिप्रा तट पर बाबा का पूजन अभिषेक किया जाएगा उसे समय दोनों किनारों पर 500 से ज्यादा बटुक वैदिक उद्घोष करेंगे। यह सारे बटुक मंदिर प्रबंध समिति की महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के अलावा शहर के 25 गुरुकुलों के रहेंगे।

चलित रथ से दर्शन

इस बार सवारी के दौरान चलित रथ की व्यवस्था की गई है। इस पर एलईडी लगी होगी जिसके माध्यम से श्रद्धालु दर्शन कर सकेंगे। इसमें लाइव बॉक्स रहने वाला है जो पुरी तरह से लाइव प्रसारण करेगा।

मार्ग होंगे प्रतिबंधित

सवारी में लोगों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इसी के चलते ट्रैफिक प्लान रविवार से ही लागू कर दिया गया है। दोपहर 12 तक सवारी मार्ग के काम जनता से निपटा लेने की अपील की गई है क्योंकि उसके बाद यह मार्ग प्रतिबंधित हो जाएंगे और 8 बजे तक बंद रहेंगे।