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Thu, Dec 18, 2025

उमरिया में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर बिरासिनी देवी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

Written by:Sanjucta Pandit
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उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह और बिरासिनी मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अम्बिकेश प्रताप सिंह ने पूरे विधि-विधान के साथ माता बिरासिनी के गर्भगृह में घटस्थापना की। साथ ही मनोकामना कलश की रसीद कटवाकर ज्वारे कलश का शुभारंभ भी किया गया।
उमरिया में चैत्र नवरात्रि के अवसर पर बिरासिनी देवी मंदिर में उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

देशभर में चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) की धुन देखने को मिल रही है। गली मोहल्ले में माता रानी की प्रतिमाएं स्थापित कर उनकी पूजा अर्चना की जा रही है। बच्चों सहित बड़े में भी उल्लास दिखाई दे रहा है। सुबह से ही भक्त मंदिरों में पहुंच चुके हैं और उनकी पूजा अर्चना में जुटे हुए हैं। नवरात्रि हिंदू धर्म का प्रमुख त्यौहार है, जब मां दुर्गा के 9 दिव्या रूपों की पूजा की जाती है। यह वर्ष में चार बार आता है, लेकिन मुख्य रूप से चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। वहीं, अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन भी किया जाता है। जिसमें छोटी बच्चियों को देवी का स्वरूप मानकर, उन्हें भोजन कराया जाता है।

वहीं, मध्य प्रदेश के उमरिया में भी नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है। बिरसिंहपुर पाली में स्थित ऐतिहासिक और दिव्य शक्ति स्थल मां बिरासिनी देवी मंदिर में चैत्र नवरात्रि पर्व की भव्य शुरुआत हुई। इस पावन अवसर पर माता के भक्त उपस्थित हुए।

गर्भगृह में घटस्थापना

उमरिया कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन, जिला पंचायत सीईओ अभय सिंह और बिरासिनी मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष अम्बिकेश प्रताप सिंह ने पूरे विधि-विधान के साथ माता बिरासिनी के गर्भगृह में घटस्थापना की। साथ ही मनोकामना कलश की रसीद कटवाकर ज्वारे कलश का शुभारंभ भी किया गया। मां बिरासिनी देवी मंदिर में हर साल चैत्र नवरात्रि के दौरान मनोकामना कलश और आजीवन ज्योति कलश की स्थापना की जाती है। श्रद्धालु इन कलशों को बोते हैं और माता से अपनी इच्छाओं की पूर्ति का आशीर्वाद मांगते हैं।

निर्मित शक्तिपीठों में से एक

बता दें कि चैत्र नवरात्रि के अवसर पर हर साल बिरासिनी देवी मंदिर में नौ दिनों तक विशेष पूजा-अर्चना, हवन और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। यह स्थान शक्ति की उपासना के लिए प्रसिद्ध है, जहां देश भर के लोग माता के दर्शन के लिए आते हैं। इसे कलचुरी काल में निर्मित शक्तिपीठों में से एक माना जाता है।

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मंदिर प्रबंधन समिति और जिला प्रशासन ने भक्तों की सुविधा और सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। शहर में पुलिस और प्रशासन की टीमों को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था न हो। इसके अलावा, मंदिर परिसर में स्वच्छता और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा गया है। सीसीटीवी कैमरों से मंदिर में चप्पे-चप्पे की निगरानी की जा रही है।

उमरिया, बृजेश श्रीवास्तव