MP Employees Retirement Age : मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों अधिकारियों के लिए अच्छी खबर है। लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाई जा सकती है। खबर है कि मोहन यादव सरकार प्रदेश के कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु में 3 साल की वृद्धि कर सकती है। इसके लिए मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, जिसमें कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में एकरूपता लाने की बात कहीं गई है
सीएम को समिति ने लिखा पत्र
जानकरी के अनुसार, मध्य प्रदेश राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा में एकरूपता लाने के लिए सीएम डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है, जिसमें कहा है कि एमपी विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा द्वारा लाए गए संकल्प पत्र 2023 में सरकारी कर्मचारियों की रिटायरमेंट की उम्र में एकरूपता लाने का बिंदु शामिल था, ऐसे में मप्र शासन को शासकीय सेवकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 साल से बढ़कर 65 साल करने पर अब विचार करना चाहिए। बता दे कि वर्तमान में प्राध्यापक, चिकित्सक, स्टाफ नर्स एवं अन्य सेवाओं में सेवानिवृत्ति की आयुसीमा 65 साल है।
सरकार भी कर रही है सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाने पर विचार
राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश शर्मा ने अपने पत्र में पदोन्नति नहीं होने की वजह से सरकारी विभागों में कैडर गड़बड़ाने और कई विभागों में बड़ी संख्या में पद खाली होने की बात भी कहीं हैं। सुत्रों की मानें तो लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार खुद सेवानिवृत्ति आयु में एकरूपता लाने की तैयारी में है, इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने वित्त विभाग से अभिमत मांगा है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो वित्त से अभिमत आने के तत्काल बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में लाकर मंजूरी दी जा सकती है। हालांकि अंतिम फैसला सीएम डॉ मोहन यादव को ही लेना है।
शिवराज सरकार के समय भी रिटायरमेंट एज बढ़ाने को लेकर हुई थी चर्चा
दरअसल, वर्तमान में राज्य के कर्मचारियों कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है, आखिरी बार 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले तत्कालीन शिवराज सरकार ने सेवानिवृत्ति की आयु को 60 से बढ़ाकर 62 साल कर दिया था। इसके बाद वित्तीय स्थिति ठीक ना होने और सेवानिवृत्ति पर कर्मचारियों को मप्र शासन को एक मुश्त भुगतान की राशि देने के चलते फिर 2022-23 में सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 62 से बढ़ाकर 63 करने पर चर्चा हुई थी।
इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग ने एक प्रस्ताव पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास भेजा भी था लेकिन भर्ती परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने इसका विरोध किया था वह अधर में ही लटक गया।अब एक बार फिर लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार कर्मचारियों के रिटायरमेंट एज को 3 साल बढ़ाने की तैयारी में है। अगर रिटायरमेंट एज बढ़ती है तो सरकारी कर्मचारियों के साथ राज्य सरकार को भी बड़ा लाभ होगा, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले सरकार पर कोई वित्तीय भार नहीं पड़ेगा, क्योंकि 2023 में रिटायर होने वाले कर्मचारियों को एकमुश्त राशि नहीं देनी पड़ेगी यानि वित्तीय लाभ ही मिलेगा।