Video : ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रभु श्रीराम से की स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम की तुलना

Atul Saxena
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ग्वालियर , अतुल सक्सेना।  गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia ) ने जिला अस्पताल मुरार (District Hospital Morar) के कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी (Dr Prabhuram Chaudhary) की तुलना प्रभु श्रीराम (Prabhu Shriram) से कर दी।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने गुरुवार को जिला अस्पताल मुरार में ऑक्सीजन प्लांट व 20 बिस्तरीय गहन चिकित्सा इकाई (ICU) का लोकार्पण एवं सीटी स्कैन मशीन की स्थापना के लिए भूमिपूजन किया।  उन्होंने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि कभी ये क्षेत्र ग्रामीण क्षेत्र था यहाँ के लोगों को स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बहुत दूर जाना पड़ता था फिर इस अस्पताल के बनने का लाभ उन्हें मिला।  उन्होंने कहा कि मामा ध्यानेन्द्र सिंह क समय ये जिला अस्पताल बना फिर लगातार इसका विकास होता गया।

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सिंधिया ने कहा कि पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधि च्चते हैं कि इस अस्पताल में बिस्तरों की संख्या बढ़े  आधुनिकीकरण हो,  इसके लिए मुन्नालाल गोयल ने पिछले दिनों 6 करोड़ रुपये की मांग की थी। लेकिन मैं आपको बताना चाहता हूँ कि हमारे स्वास्थ्य मंत्री जी का नाम प्रभु और राम है। ये हमारे प्रभु जी की लीला है कि जब जनता 6 करोड़ मांगती है तो प्रभु जी 6 की जगह 20 करोड़ मंजूर करते हैं और बिस्तर की संख्या 200 की जगह 300 कर देते हैं।

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गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी जब इस कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे तब उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक मुन्नालाल गोयल ने अस्पताल के उन्नयन और आधुनिकीकरण के लिए 6 करोड़ रुपये की मांग की थी जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सरकार ने स्वीकृति दे दी हैं साथ ही बिस्तरों की संख्या भी बढ़कर 200 की जगह 300 स्वीकृत कर दी गई है। सिंधिया ने स्वास्थ्य मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी की इसी घोषणा के बाद ही उनकी तुलना  प्रभु श्री राम से की।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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