जबलपुर, संदीप कुमार। ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) का मुद्दा थमने की जगह सर्दी में भी गर्मी गरमा रहा है। न्यायालय के आदेश के बाद राजनेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (Congress MP Vivek Tankha) ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan), प्रदेश अध्यक्ष वी डी शर्मा (BJP State President VD Sharma) और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह(MInister Bhupendra Singh) को 10 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है, नोटिस में 3 दिन में माफ़ी मांगने की बात कही गई है। कांग्रेस नेता की तरफ से ये मानहानि नोटिस पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने भेजा है।
वरिष्ठ वकील और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण मामले में आरोप लगाए जाने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र सिंह और प्रदेशाध्यक्ष पर एक्शन लिया है। नोटिस रविवार देर शाम प्रदेश के पूर्व महाधिवक्ता शशांक शेखर ने तन्खा की ओर से भेजा है।
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नोटिस में कहा गया है कि मंत्रियों के द्वारा लगाए गए आरोपों से विवेक तन्खा की छवि धूमिल हुई है। गौरतलब है कि नगरीय विकास व आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने रविवार को बीजेपी के ओबीसी नेताओं की बैठक बुलाई थी, बैठक के बाद उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आराेप लगाया कि मामला विवेक तन्खा कोर्ट लेकर गए, विवेक तन्खा ने महाराष्ट्र का उदाहरण दिया था, उसके आधार पर फैसला आया है। हम आपको बता दे कि इसमें मुख्यमंत्री का बयान नहीं आया है पर तन्खा को लेकर वी डी शर्मा ने भी आरोप लगाए थे। रविवार को भूपेंद्र सिंह का बयान भी आया, उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की तरफ से पैरवी करने वाले वकील विवेक तन्खा ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाने के लिए कहा था।
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यहाँ बता दें कि मध्य प्रदेश में चल रहे पंचायत चुनाव में आरक्षण के रोटेशन और परिसीमन के मामले को लेकर दायर की गई याचिकाओं में विवेक तन्खा सुप्रीम कोर्ट में पैरवी कर रहे हैं, सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र की तरह मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनाव में ट्रिपल टेस्ट लागू करने के निर्देश दिए हैं, इसमें राज्य स्तरीय आयोग के गठन की स्थापना करने का उल्लेख है।