शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने रविवार को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले एशिया कप मैच को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने केंद्र की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार एक शब्द भी नहीं बोल रही है, जबकि मैच को ब्लॉकबस्टर बताया जा रहा है। आदित्य ठाकरे ने इस स्थिति को शर्मनाक बताया और पूछा कि जब सरकार पाकिस्तान को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर सख्त रुख दिखाती है, तो फिर क्रिकेट जैसे मंच पर नरमी क्यों दिखाई जाती है।
आदित्य ठाकरे का सरकार पर हमला
ठाकरे ने अपने बयान में पहलगाम हमले का जिक्र करते हुए कहा कि उस वक्त सरकार ने पाकिस्तान आधारित आतंकवाद की निंदा करते हुए दुनिया भर में प्रतिनिधिमंडल भेजे थे। लेकिन अब वही सरकार एशिया कप में भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच को लेकर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि लगता है सैनिकों और नागरिकों की जान से ज्यादा पैसा और मनोरंजन की अहमियत बढ़ गई है। उनका कहना था कि यह रुख उन शहीदों का अपमान है, जिन्होंने आतंकी हमलों में जान गंवाई।
आदित्य ठाकरे ने राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी द्वारा संसद में उठाए गए सवाल का भी उल्लेख किया। उन्होंने याद दिलाया कि प्रियंका ने पूछा था, “आतंकवाद के घरेलू मैदान पर किसी देश को अलग-थलग करने से ज़्यादा क्रिकेट क्यों ज़रूरी है?” ठाकरे ने बीसीसीआई और भारत सरकार की चुप्पी को भारतीय जनता की भावनाओं का मजाक बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने का फैसला राष्ट्रीय अस्मिता के खिलाफ है।
इसके साथ ही आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर भी हमला बोलते हुए कहा कि पार्टी पाकिस्तान का नाम केवल चुनावों में इस्तेमाल करती है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह सरकार की “फ्रेंडशिप डे” पर भेजी गई विशेष बधाई है—”वे निर्दोष भारतीयों को मार सकते हैं, लेकिन हम उनके साथ क्रिकेट खेलेंगे।” ठाकरे ने अंत में सरकार और बीसीसीआई से अपील की कि वे पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने के फैसले पर दोबारा विचार करें और देशवासियों की भावनाओं को प्राथमिकता दें।





