कुख्यात गैंगस्टर और पूर्व विधायक अरुण गवली को नागपुर सेंट्रल जेल से जमानत पर रिहा कर दिया गया। नागपुर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच गवली को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर हवाई अड्डे तक पहुंचाया, जहां से वह विमान के जरिए मुंबई रवाना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को गवली को जमानत दी थी। वह 2007 में शिवसेना पार्षद कमलाकर जामसांडेकर की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था।
जेल से बाहर आया गैंगस्टर अरुण गवली
गवली की रिहाई का आधार उसकी लंबी कैद और उम्र बनी। अदालत ने कहा कि गवली 17 साल से अधिक समय से जेल में बंद है और उसकी उम्र को देखते हुए जमानत दी जाती है। जामसांडेकर की हत्या के बाद अदालत ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी और साथ में 17 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मामले की सुनवाई फरवरी 2026 में होगी, जब गवली ने हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें उसकी उम्रकैद बरकरार रखी गई थी।
अरुण गवली सिर्फ गैंगस्टर ही नहीं, बल्कि राजनीति से भी जुड़ा रहा है। वह 2004 से 2009 तक मुंबई की चिंचपोकली सीट से विधायक रहा। गवली ने अपनी ही बनाई राजनीतिक पार्टी से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी। लेकिन अपने विधायक कार्यकाल के दौरान ही उसने शिवसेना पार्षद की हत्या कर दी थी, जिसके बाद उसे जेल की सलाखों के पीछे जाना पड़ा।
गवली का नाम अंडरवर्ल्ड में काफी चर्चित रहा है। उसके जीवन पर 2017 में फिल्म डैडी बनाई गई थी, जिसमें अभिनेता अर्जुन रामपाल ने उसकी भूमिका निभाई थी। फिल्म ने यह दिखाने की कोशिश की थी कि किस तरह एक अंडरवर्ल्ड डॉन राजनीति में आया और विधायक बना। अब सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के बाद गवली एक बार फिर सुर्खियों में लौट आया है।





