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Tue, Dec 16, 2025

BEST सोसाइटी चुनाव हार पर आदित्य ठाकरे का बयान, कहा- यह तो सिर्फ ‘ट्रायल बॉल’ थी

Written by:Neha Sharma
मुंबई में हुए BEST कर्मचारी सहकारी क्रेडिट सोसाइटी चुनाव के नतीजों ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन को करारा झटका दिया है। दोनों दलों के संयुक्त पैनल को एक भी सीट नहीं मिली।
BEST सोसाइटी चुनाव हार पर आदित्य ठाकरे का बयान, कहा- यह तो सिर्फ ‘ट्रायल बॉल’ थी

आदित्य ठाकरे

मुंबई में हुए BEST कर्मचारी सहकारी क्रेडिट सोसाइटी चुनाव के नतीजों ने उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के गठबंधन को करारा झटका दिया है। दोनों दलों के संयुक्त पैनल को एक भी सीट नहीं मिली। इस हार के बाद शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने बयान देते हुए इसे सिर्फ एक “ट्रायल बॉल” बताया। उन्होंने कहा कि इस चुनाव को बड़े चुनाव की तरह नहीं देखा जाना चाहिए क्योंकि यह केवल एक विशिष्ट क्रेडिट सोसाइटी से जुड़ा हुआ था। आदित्य ने माना कि प्लानिंग में कुछ कमियां रहीं, जिन्हें आगे सुधारा जाएगा।

आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान

वहीं, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे ने भी इस हार को हल्के में लिया। उन्होंने इसे “छोटी सी बात” करार दिया। जब आदित्य ठाकरे से राज ठाकरे की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। हालांकि, आदित्य ने क्रिकेट का उदाहरण देते हुए कहा, “यह केवल ट्रायल बॉल थी, अब देखना यह है कि ओवर कब शुरू होता है।” उनके इस बयान को आने वाले बड़े चुनावों की ओर इशारा माना जा रहा है।

गौरतलब है कि मुंबई और महाराष्ट्र में होने वाले नगर निगम चुनावों से पहले ठाकरे बंधुओं के एक साथ आने की चर्चा तेज़ है। आदित्य ठाकरे ने भी इस ओर संकेत देते हुए कहा कि जनता का रुझान और दोनों पार्टियों की ताकत का असली अंदाज़ा आगामी निकाय चुनावों में ही लगेगा। हालांकि, बेस्ट कर्मचारी सोसाइटी चुनाव में दोनों दलों के संयुक्त पैनल को करारी हार मिली और सभी 21 सीटें उनके हाथ से चली गईं।

इस चुनाव में शशांक राव के पैनल को सबसे बड़ी जीत मिली, जिसने 14 सीटें अपने नाम कीं। बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं परिवहन उपक्रम (BEST) बृहन्मुंबई नगर निगम की बिजली और परिवहन शाखा है, जिस पर दो दशकों से अधिक समय तक शिवसेना का दबदबा रहा था। बाल ठाकरे के समय से ही इस संस्था पर पकड़ मजबूत रही थी। लेकिन अब हालात बदल गए हैं। 2022 में बीएमसी पर एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति के बाद से सत्ता समीकरणों में बड़ा बदलाव आया है, जिसका असर इस चुनाव के नतीजों में साफ दिखाई दिया।