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Fri, Dec 19, 2025

मुंबई में मच्छरजनित बीमारियों में बड़ी उछाल, चिकनगुनिया मामलों में काफी बढ़ोतरी

Written by:Neha Sharma
Published:
मुंबई में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से जुलाई 2025 के बीच चिकनगुनिया के मामलों में 476% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मलेरिया के मामलों में 45% का इजाफा देखा गया है।
मुंबई में मच्छरजनित बीमारियों में बड़ी उछाल, चिकनगुनिया मामलों में काफी बढ़ोतरी

मुंबई में मच्छरजनित बीमारियों का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी से जुलाई 2025 के बीच चिकनगुनिया के मामलों में 476% की बढ़ोतरी हुई है, जबकि मलेरिया के मामलों में 45% का इजाफा देखा गया है। इसी अवधि में डेंगू के मामले भी 966 से बढ़कर 1160 हो गए। पिछले साल जनवरी-जुलाई के दौरान मलेरिया के 2852 और चिकनगुनिया के 46 मामले सामने आए थे, जबकि इस साल क्रमश: 4151 और 265 मामले दर्ज हुए हैं।

मच्छरजनित बीमारियों में बड़ी उछाल

बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने इस वृद्धि के पीछे कई कारण बताए हैं। उन्होंने कहा कि बढ़ता प्रदूषण, रुक-रुक कर होने वाली बारिश और निर्माण स्थलों की बढ़ती संख्या इस संकट को और गहरा बना रही है। चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि इस साल चिकनगुनिया की प्रकृति पहले से अधिक तीव्र है और यह तेजी से लोगों को प्रभावित कर रही है।

फोर्टिस अस्पताल, मुलुंड के क्रिटिकल केयर निदेशक डॉ. चारुदत्त वैती के अनुसार, एडीज़ मच्छरों की बढ़ती संख्या और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में मानव-मच्छर संपर्क में वृद्धि बीमारी के फैलाव की मुख्य वजहें हैं। उन्होंने बताया कि चिकनगुनिया की गंभीरता इस साल अधिक देखी गई है और कई मामलों में डेंगू व इन्फ्लुएंजा जैसे वायरसों के साथ सह-संक्रमण (co-infection) भी देखने को मिला है। उन्होंने लोगों को सलाह दी कि पानी जमा न होने दें, पूरी बाजू के कपड़े पहनें, मच्छर-रोधी क्रीम का इस्तेमाल करें और बुखार, जोड़ों में दर्द या चकत्तों के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

फॉगिंग और निरीक्षण अभियान

बीएमसी ने बीमारी की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर फॉगिंग और निरीक्षण अभियान चलाए हैं। अब तक 8.16 लाख झोपड़ियों और 52 हजार से अधिक इमारत परिसरों में धुआं छोड़ा गया है। 14.39 लाख घरों का सर्वेक्षण कर यह सुनिश्चित किया गया कि कहीं जलभराव या मच्छरों के प्रजनन की स्थिति न हो। लेकिन डॉ. शाह ने चेताया कि प्रशासन के प्रयास तब तक कारगर नहीं हो सकते, जब तक आम लोग अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते।

बीएमसी ने “शून्य मच्छर प्रजनन अभियान” भी शुरू किया है ताकि मच्छरों की उत्पत्ति को रोका जा सके। लोगों को मच्छरदानी का उपयोग करने और आसपास के इलाकों में साफ-सफाई बनाए रखने की सलाह दी गई है। वहीं, लेप्टोस्पायरोसिस के मामले इस साल 281 से घटकर 244 रहे हैं और जठरांत्र संबंधी रोगों में भी थोड़ी कमी दर्ज की गई है।