महाराष्ट्र पुलिस के ‘एनकाउंटर स्पेशलिस्ट’ के नाम से मशहूर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) दया नायक 31 साल की सेवा के बाद रिटायर हो गए। 1995 बैच के उपनिरीक्षक नायक को हाल ही में मुंबई क्राइम ब्रांच की बांद्रा इकाई में वरिष्ठ निरीक्षक के रूप में सेवा देने के बाद एसीपी के पद पर पदोन्नत किया गया था। हालांकि, रिटायरमेंट से ठीक दो दिन पहले मिली यह पदोन्नति उनके करियर का भावुक क्षण बन गई।
दया नायक पुलिस सेवा से रिटायर
दया नायक ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर अपने रिटायरमेंट की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “31 वर्षों की समर्पित सेवा के बाद आज गर्व और कृतज्ञता के साथ रिटायर हो रहा हूं।” उन्होंने पहली बार एसीपी की वर्दी पहनने के अनुभव को जीवन का गहरा और शांत गर्व का क्षण बताया। उनके अनुसार, यह सिर्फ एक पदोन्नति नहीं, बल्कि एक पूरे जीवन के अनुशासन और कर्तव्य का सम्मान है।
80 से ज्यादा गैंगस्टरों का एनकाउंटर
अपने करियर में दया नायक ने 80 से ज्यादा गैंगस्टरों का एनकाउंटर किया और कई अहम अभियानों का हिस्सा रहे। वह 2021 में मालाबार हिल में विस्फोटकों से लदी गाड़ी और मनसुख हिरेन हत्याकांड की जांच करने वाली एटीएस टीम का भी हिस्सा थे। इस दौरान उनका तबादला गोंदिया किया गया था, लेकिन महाराष्ट्र प्रशासनिक न्यायाधिकरण (एमएटी) के आदेश से वह एटीएस में बने रहे। इससे पहले 2019 में भी उनका मुंबई से बाहर तबादला रोक दिया गया था।
अपनी सेवा यात्रा को याद करते हुए नायक ने लिखा, “हर कदम के लिए और राज्य व देश की सेवा करने के सौभाग्य के लिए आभारी हूं।” उनकी अंतिम समय में हुई पदोन्नति को उनके साहस, समर्पण और जनसेवा के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। उनके रिटायरमेंट के साथ ही महाराष्ट्र पुलिस बल की एक अहम और प्रेरणादायी यात्रा का समापन हुआ।





