महाराष्ट्र की राजनीति में सक्रिय और चर्चित नेता धनंजय मुंडे एक बार फिर सुर्खियों में हैं। बीड़ जिले की परली विधानसभा सीट से एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायक रहे मुंडे ने मार्च 2025 में कृषि मंत्री पद से इस्तीफा दिया था। अब एक बार फिर उनकी सरकार में वापसी की अटकलें लगाई जा रही हैं। बीते दिनों में उनकी गतिविधियों में तेजी आई है और यह चर्चा और तेज हो गई है।
धनंजय मुंडे की वापसी की चर्चा तेज
धनंजय मुंडे ने हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और अपनी पार्टी के प्रमुख अजित पवार से दक्षिण मुंबई में मुलाकात की। इसके एक दिन पहले उन्होंने सह्याद्री गेस्ट हाउस में कुछ मंत्रियों से भी बातचीत की थी। उस दौरान मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी वहीं मौजूद थे, हालांकि मुंडे और उनके बीच कोई औपचारिक बैठक नहीं हुई। इन लगातार हो रही मुलाकातों ने सियासी गलियारों में कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
धनंजय मुंडे के करीबियों का कहना है कि ये सारी बैठकें परली विधानसभा क्षेत्र से जुड़े विकास कार्यों को लेकर थीं। लेकिन जिस वक्त उनकी राजनीतिक वापसी की अटकलें जोरों पर हैं, तब इन मुलाकातों को केवल “सरकारी काम” मानना मुश्किल हो जाता है। यह सब ऐसे समय हो रहा है जब पार्टी और जनता दोनों की नजरें उनके अगले कदम पर हैं।
ध्यान देने वाली बात है कि दिसंबर 2024 में बीड़ जिले के मसाजोग गांव के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले में उनके निजी सहायक की गिरफ्तारी के बाद मुंडे पर दबाव बना था। यही कारण था कि उन्हें मार्च 2025 में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके चलते उनकी छवि और राजनीतिक स्थिति दोनों को झटका लगा। हालांकि अब हालात कुछ बदलते दिख रहे हैं।
हाल ही में अजित पवार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मुंडे को कृषि विभाग से जुड़े उपकरण खरीद घोटाले में क्लीन चिट मिल गई है। हालांकि बीड़ सरपंच हत्याकांड की न्यायिक जांच अभी जारी है। अजित पवार ने संकेत दिया कि अगर इस मामले में भी मुंडे दोषमुक्त पाए गए, तो उन्हें दोबारा सरकार में शामिल किया जा सकता है। इन बयानों और हाल की राजनीतिक गतिविधियों को देखकर साफ है कि धनंजय मुंडे की राजनीति में सक्रिय वापसी की जमीन तैयार हो रही है।





