महाराष्ट्र में इस साल ईद मिलाद-उन-नबी का मुख्य जुलूस अब 8 सितंबर को निकाला जाएगा। दरअसल, पहले यह जुलूस 6 सितंबर को आयोजित होना था, लेकिन उसी दिन अनंत चतुर्थी पर गणपति विसर्जन भी पड़ रहा है। हिंदू-मुस्लिम एकता और शांति बनाए रखने के लिए मुस्लिम समुदाय ने तारीख बदलने का फैसला लिया। आमतौर पर ईद मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद के जन्मदिन की याद में मनाया जाता है, जो इस साल 5 सितंबर को है। आयोजन संस्था ऑल इंडिया खिलाफत कमेटी ने फैसला किया कि मुख्य जुलूस अब 8 सितंबर को निकाला जाएगा ताकि दोनों पर्व शांति और सौहार्द के साथ संपन्न हो सकें।
मुस्लिम समाज ने लिया बड़ा फैसला
समाजवादी पार्टी के नेता और विधायक अबू आसिम आज़मी ने 8 सितंबर को सरकारी अवकाश घोषित करने की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि लगातार तीसरे साल ईद मिलाद का जुलूस और गणपति विसर्जन एक साथ पड़ रहे हैं। ऐसे में मुस्लिम समुदाय ने समझदारी दिखाते हुए जुलूस स्थगित किया है। आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से अपील की है कि वे 8 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित कर मुस्लिम समाज की भावनाओं का सम्मान करें।
इस बार ईद मिलाद-उन-नबी का आयोजन और भी खास महत्व रखता है, क्योंकि यह पैगंबर मोहम्मद की 1,500वीं जयंती है। ऑल इंडिया खिलाफत कमेटी के अध्यक्ष सरफराज़ अर्जू ने कहा कि पिछले दो सालों की तरह इस बार भी दोनों पर्व एक ही दिन पड़ रहे हैं। इसलिए जुलूस की तारीख बदली गई है ताकि किसी को असुविधा न हो और सामाजिक सौहार्द बना रहे। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस निर्णय को देखते हुए 8 सितंबर को अवकाश घोषित करेगी।
अबू आज़मी के साथ समाजवादी पार्टी के विधायक रईस शेख ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर अवकाश की मांग की है। यही नहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी इस संबंध में अनुरोध पत्र भेजे गए हैं। अब देखना होगा कि सरकार मुस्लिम समाज की इस मांग पर क्या रुख अपनाती है। फिलहाल समुदाय ने शांति और आपसी भाईचारे की मिसाल पेश करते हुए अपनी परंपरागत तिथि बदलने का निर्णय लिया है।





