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Wed, Dec 17, 2025

एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा से सियासी हलचल, अमित शाह से करेंगे मुलाकात

Written by:Neha Sharma
Published:
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अचानक दिल्ली यात्रा ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। बताया जा रहा है कि राज्य में संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर दिल्ली में अहम बैठक हो सकती है।
एकनाथ शिंदे की दिल्ली यात्रा से सियासी हलचल, अमित शाह से करेंगे मुलाकात

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे की अचानक दिल्ली यात्रा ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है। इस दौरे को लेकर चर्चाएं इसलिए भी तेज हो गई हैं क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उद्धव ठाकरे के बीच मुलाकात हुई थी। शिंदे के गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। बताया जा रहा है कि राज्य में संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल को लेकर दिल्ली में अहम बैठक हो सकती है।

विवादों में शिवसेना के कई विधायक और मंत्री

हाल ही में समाप्त हुए महाराष्ट्र विधानसभा सत्र में शिवसेना के कई विधायक और मंत्री विवादों में रहे। विधायक संजय गायकवाड़ पर मारपीट का आरोप लगा, वहीं मंत्री संजय शिरसाट ‘कैश बैग’ विवाद में घिरे। गृह राज्यमंत्री योगेश कदम का नाम ‘सावली बार’ मामले में सामने आया। इन घटनाओं से सरकार की छवि को नुकसान पहुंचा और बीजेपी के अंदर भी नाराजगी का माहौल बना। खुद मुख्यमंत्री फडणवीस ने सार्वजनिक रूप से नाराजगी जाहिर की थी।

एनसीपी नेता और कृषि मंत्री माणिकराव कोकाटे भी रम्मी खेलने के वीडियो के कारण विवादों में आ गए, जिससे सरकार को और शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। इसके चलते कैबिनेट फेरबदल की अटकलें तेज हो गईं। इसी बीच मंत्री उदय सामंत के दिल्ली से मुंबई लौटने और शिंदे के उसी वक्त दिल्ली रवाना होने ने अटकलों को और हवा दे दी। एयरपोर्ट पर दोनों के बीच बंद कमरे में बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि शिंदे दिल्ली में अमित शाह से मिलकर 3-4 विवादित मंत्रियों को हटाने की सिफारिश कर सकते हैं, जिसमें भरत गोगावले का नाम प्रमुख है।

बीजेपी खेमे में नाराजगी

शिंदे भले ही पहले इन विवादों पर सफाई दे चुके हों, लेकिन बीजेपी खेमे में नाराजगी अब तक बनी हुई है। दिल्ली में होने वाली संभावित बैठक में सरकार की छवि सुधारने और आगामी चुनाव को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लिया जा सकता है। इसे सिर्फ एक मुलाकात नहीं, बल्कि गठबंधन सरकार की रीसेट योजना के हिस्से के तौर पर देखा जा रहा है।

अब सबकी नजर इस पर है कि शिंदे दिल्ली से क्या संदेश लेकर लौटते हैं और किन चेहरों की छुट्टी होती है। मंत्रिमंडल में बदलाव की चर्चाएं भले ही अंदरूनी हों, लेकिन इनका असर सीधे-सीधे राज्य की राजनीति और चुनावी रणनीति पर पड़ेगा।