महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गुरुवार को भाषा विवाद को लेकर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर तीखा हमला बोला। मुंबई में CNN-News18 के टाउनहॉल कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि मराठी, हिंदी और अंग्रेजी को लेकर जो विवाद खड़ा किया गया है, उसकी पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए। फडणवीस ने तंज कसते हुए उद्धव को “पॉलिटिक्स का गजनी” करार दिया और आरोप लगाया कि चुनाव नजदीक आते ही वह अपने ही फैसलों को भूल गए।
भाषा विवाद पर फडणवीस का पलटवार
मुख्यमंत्री ने याद दिलाया कि नई शिक्षा नीति (NEP) के तहत पहली से 12वीं कक्षा तक मराठी, अंग्रेजी और हिंदी अनिवार्य करने का निर्णय उद्धव ठाकरे के कार्यकाल में ही लिया गया था। उन्होंने कहा, “जब नई शिक्षा नीति आई, तब उद्धवजी ने इसे मंजूरी दी थी। लेकिन जैसे ही चुनाव का समय आया, वो पलट गए और अब इसका विरोध कर रहे हैं। गजनी की तरह भूल गए कि यह फैसला उन्होंने ही लिया था।”
फडणवीस ने कहा कि इस नीति के तहत तीसरी भाषा भारतीय ही होगी, विदेशी भाषा की अनुमति नहीं दी जाएगी। उन्होंने सवाल उठाया, “अगर तीन भाषाएं पढ़ानी हैं, तो हिंदी न सही, देश की कोई और भाषा चुन लो, लेकिन अंग्रेजी के लिए रेड कारपेट और हिंदी का विरोध क्यों?” उनका कहना था कि यह नीति छात्रों के हित में है और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि विदेशी भाषाओं को स्कूल स्तर पर अनिवार्य करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
महाराष्ट्र में भाषा का मुद्दा हमेशा से संवेदनशील रहा है। मराठी अस्मिता, हिंदी विरोध और अंग्रेजी की प्राथमिकता—ये तीनों अलग-अलग राजनीतिक दलों के लिए वोट बैंक का आधार बनते रहे हैं। बीजेपी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे ने NEP के तहत बनी भाषा नीति को पहले मंजूरी दी और अब चुनावी फायदा उठाने के लिए इसे मराठी अस्मिता का मुद्दा बना लिया। वहीं उद्धव का कहना है कि छात्रों पर किसी भी भाषा को थोपना उचित नहीं है। इस विवाद ने राज्य की राजनीति में नया तनाव पैदा कर दिया है।





