पुणे महानगरपालिका ने आगामी गणेशोत्सव और नवरात्रोत्सव को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इस गाइडलाइन के अनुसार, शहर की पुरानी सीमा में आने वाले गणेश मंडलों को 2019 में दी गई मंडप, स्वागत तोरण (कमानी) और रनिंग मंडप की अनुमतियां 2022 से अगले पांच वर्षों तक वैध मानी जाएंगी। ऐसे मंडलों को फिर से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन शहर में हाल ही में शामिल किए गए गांवों के मंडलों को नगर निगम से नई अनुमति लेनी होगी।
पुणे महापालिका की नई गाइडलाइन
महानगरपालिका के आयुक्त और प्रशासक नवलकिशोर राम ने स्पष्ट किया कि शामिल गांवों के गणेश मंडलों को 2019 में जिन प्रक्रियाओं से अनुमति मिली थी, उन्हीं के आधार पर स्थानीय पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और क्षेत्रीय कार्यालयों से फिर से सभी अनुमति लेनी होंगी। अच्छी बात यह है कि इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
गाइडलाइन में यह भी स्पष्ट किया गया है कि मंडप की ऊंचाई 40 फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए। अगर उससे अधिक ऊंचा मंडप बनाया जाता है, तो उसके लिए ‘स्ट्रक्चरल स्टेबिलिटी’ का प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा। मंडप और स्वागत कमानी बनाते समय आपातकालीन सेवाओं के वाहनों के लिए रास्ता खुला रखना जरूरी होगा। कमानी की ऊंचाई सड़क की सतह से 18 फीट से ज्यादा होनी चाहिए। आयोजकों को जरूरत के अनुसार स्वयंसेवक या सुरक्षाकर्मी भी तैनात करने होंगे। इसके अलावा, पर्यावरण और ध्वनि प्रदूषण से जुड़े सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।
पुणे शहर में जिन मंडलों को पहली बार गणेशोत्सव मनाना है या जिनकी 2019 वाली अनुमति वाली जगह अब किसी परियोजना के कारण बाधित हो चुकी है, उन्हें नई जगह पर आयोजन के लिए 2019 की प्रक्रिया के अनुसार सभी अनुमतियां लेनी होंगी। नगर निगम ने यह भी निर्देश दिया है कि उत्सव समाप्त होने के तीन दिनों के भीतर मंडप, तोरण, सजावट, ईंटों की संरचना और अन्य सामान आयोजकों को खुद हटाना होगा।





