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Wed, Dec 17, 2025

गणेशोत्सव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झांकी से सियासी संग्राम, बीजेपी ने कहा प्रेरणा, विपक्ष बोला राजनीति

Written by:Neha Sharma
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महाराष्ट्र के सबसे बड़े पर्व गणेशोत्सव में इस बार गणेश पंडालों में भारतीय सेना के शौर्य की झलक दिखाई जा रही है। पंडालों में लगाई गई ऑपरेशन सिंदूर की झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है।
गणेशोत्सव में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झांकी से सियासी संग्राम, बीजेपी ने कहा प्रेरणा, विपक्ष बोला राजनीति

महाराष्ट्र के सबसे बड़े पर्व गणेशोत्सव में इस बार गणेश पंडालों में भारतीय सेना के शौर्य की झलक दिखाई जा रही है। पंडालों में लगाई गई ऑपरेशन सिंदूर की झांकी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। भारतीय सेना को सलामी देती इस झांकी को देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि, इस झांकी ने अब सियासी तूल भी पकड़ लिया है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि बीजेपी जानबूझकर धार्मिक आयोजनों में सेना का नाम लेकर राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है, जबकि बीजेपी का कहना है कि यह झांकी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झांकी से सियासी संग्राम

विपक्ष का कहना है कि गणेशोत्सव में धार्मिक आस्था की आड़ में राष्ट्रवाद का राजनीतिक इस्तेमाल हो रहा है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर बीजेपी को झांकियां ही लगानी हैं तो अमेरिका द्वारा भारत पर लगाए गए टैरिफ की झांकी भी लगाएं, ताकि जनता को असली मुद्दों का अंदाजा हो। विपक्ष का मानना है कि बीजेपी इस झांकी के जरिए निकाय चुनावों में राष्ट्रवाद का एजेंडा आगे बढ़ाना चाहती है।

दूसरी ओर, बीजेपी ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। पार्टी नेताओं का कहना है कि गणेशोत्सव की संकल्पना लोकमान्य तिलक ने इसी सोच के साथ शुरू की थी कि समाज में एकता और देशभक्ति का संदेश फैले। बीजेपी विधायक और प्रवक्ता राम कदम ने कहा कि विपक्ष सेना के पराक्रम पर सवाल उठा रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर ऑपरेशन सिंदूर की झांकी देखकर युवा प्रेरित हो रहे हैं तो विपक्ष को इसमें दिक्कत क्यों हो रही है।

वहीं, गणपति पंडालों के आयोजकों ने भी अपनी सफाई दी है। उनका कहना है कि वे किसी राजनीतिक दल के नहीं, बल्कि गणपति बप्पा के कार्यकर्ता हैं। आयोजकों के मुताबिक, झांकी के जरिए वे सिर्फ सेना का सम्मान कर रहे हैं और नई पीढ़ी को यह संदेश देना चाहते हैं कि आज का भारत आत्मनिर्भर और सशक्त है। कुल मिलाकर, गणेशोत्सव की भव्यता और श्रद्धा के बीच ऑपरेशन सिंदूर की झांकी अब प्रेरणा और राजनीति दोनों का मुद्दा बन गई है।