मुंबई एयरपोर्ट पर शनिवार को बड़ा हादसा टल गया, जब इंडिगो एयरलाइंस के एयरबस A-321 विमान की टेल (पिछला हिस्सा) लैंडिंग के दौरान रनवे से टकरा गई। हालांकि, विमान में सवार सभी यात्री और क्रू मेंबर्स सुरक्षित रहे। इंडिगो एयरलाइंस ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि खराब मौसम के कारण यह स्थिति बनी। एयरलाइन प्रवक्ता ने बताया कि 16 अगस्त 2025 को हुई इस घटना में विमान ने दोबारा उड़ान भरकर सुरक्षित लैंडिंग की। नियमों के तहत अब विमान की तकनीकी जांच और मरम्मत के बाद ही इसे ऑपरेशन के लिए मंजूरी दी जाएगी।
मुंबई एयरपोर्ट पर विमान का हादसा टला
इंडिगो ने अपने बयान में कहा कि स्टैंडर्ड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। जांच पूरी होने तक विमान को ग्राउंडेड रखा जाएगा। एयरलाइन ने यात्रियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताते हुए भरोसा दिलाया कि हर मानक का पालन किया जा रहा है। फिलहाल हादसे में किसी भी तरह की जनहानि नहीं हुई है, लेकिन घटना ने हवाई सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब कुछ ही दिन पहले नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इंडिगो को कारण बताओ नोटिस भेजा था। यह नोटिस पायलटों की ‘सिम्युलेटर’ ट्रेनिंग में खामियों को लेकर जारी किया गया था। सूत्रों के मुताबिक जुलाई महीने में एयरलाइन से मिले रिकॉर्ड और जवाबों की समीक्षा के बाद 12 अगस्त को यह कदम उठाया गया। ‘सिम्युलेटर’ ट्रेनिंग के जरिए पायलटों को वास्तविक दुनिया जैसी परिस्थितियों में अभ्यास कराया जाता है।
डीजीसीए की जांच में सामने आया कि इंडिगो ने लगभग 1,700 पायलटों जिनमें कमांड पायलट और फर्स्ट ऑफिसर शामिल हैं को अयोग्य सिम्युलेटरों पर प्रशिक्षण दिया। ये सिम्युलेटर कालीकट, लेह और काठमांडू जैसे चुनौतीपूर्ण हवाई अड्डों के लिए उपयुक्त नहीं थे। नियामक ने इसे गंभीर खामी बताते हुए एयरलाइन से जवाब तलब किया है। ऐसे में मुंबई एयरपोर्ट पर हुई यह घटना इंडिगो की सुरक्षा व्यवस्थाओं को लेकर और भी चिंताएं बढ़ा सकती है।





