हाल ही में अनंत चतुर्दशी के अवसर पर पूरे मुंबई में भगवान गणेश की भव्य विदाई की गई। खासतौर पर लालबागचा राजा का विसर्जन समारोह हर साल की तरह इस बार भी सबसे लोकप्रिय आकर्षण रहा। शनिवार को जुलूस बड़े धूमधाम से निकला और भक्तों ने पुष्प वर्षा, ढोल-नगाड़ों और जयकारों के बीच बप्पा को भावभीनी विदाई दी। हजारों नागरिक और कार्यकर्ता इस धार्मिक माहौल का हिस्सा बने। लेकिन इस उत्सव के बीच कुछ अप्रिय घटनाएं भी सामने आईं, जिन्होंने माहौल को प्रभावित किया।
दरअसल, लालबागचा राजा के विसर्जन जुलूस के दौरान चोरों ने बड़ी सक्रियता दिखाई। पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस दौरान मोबाइल फोन चोरी की 100 से ज्यादा घटनाएं हुईं। कई पीड़ितों ने कालाचौकी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि अब तक पुलिस ने आधिकारिक तौर पर 10 मामले दर्ज किए हैं। शुरुआती जांच में पाया गया कि भीड़भाड़ और भगदड़ जैसे हालात का फायदा उठाकर चोरों ने लोगों की जेब से मोबाइल और चेन गायब कर दिए।
लालबागचा राजा के विसर्जन में चोरी की वारदातें
पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए चार मोबाइल चोरी के मामलों को सुलझा लिया है और चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा सोने की चेन चोरी की वारदातें भी हुईं, जिसमें अब तक दो चेन बरामद की गई हैं। इन मामलों में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की जांच अभी जारी है और उम्मीद जताई जा रही है कि और भी बरामदगी और गिरफ्तारियां होंगी। हालांकि चोरी की इतनी बड़ी संख्या में घटनाओं ने भक्तों और आयोजकों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विसर्जन के दौरान एक और घटना ने लोगों का ध्यान खींचा। समुद्र में ज्वार-भाटे (हाई टाइड) की वजह से लालबागचा राजा की प्रतिमा को विसर्जन से पहले 8 घंटे तक पानी में रहना पड़ा। इस बार मंडल ने प्रतिमा के लिए विशेष अत्याधुनिक राफ्ट तैयार की थी, लेकिन इसकी वजह से विसर्जन में देरी हुई और आलोचना भी हुई। लालबाग से गिरगांव चौपाटी तक का लंबा सफर करीब 32 से 35 घंटे का रहा। इसके बावजूद लाखों की भीड़ विसर्जन स्थल पर डटी रही और श्रद्धा के साथ बप्पा को विदाई दी। कुल मिलाकर इस साल लालबागचा राजा का विसर्जन भावनाओं, आस्था और चुनौतियों से भरा रहा।





