महाराष्ट्र में महायुति सरकार भले ही बड़े बहुमत से सत्ता में आई हो, लेकिन सत्ता के बंटवारे और फैसले लेने के अधिकार को लेकर तीनों सहयोगी दलों के बीच खींचतान की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है। खासकर शिवसेना (शिंदे गुट) की स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। ताजा विवाद रायगढ़ जिले के पालक मंत्री पद को लेकर सामने आया है। भरत गोगावले और अदिति तटकरे, दोनों इस पद के दावेदार हैं। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फिलहाल कोई निर्णय नहीं लिया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भरत गोगावले का आज होने वाली कैबिनेट बैठक में शामिल न होना, राजनीतिक गलियारों में अटकलों को और बढ़ा रहा है।
महाराष्ट्र महायुति में फिर खींचतान
रायगढ़ के पालक मंत्री पद पर खींचतान के बीच स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम का मुद्दा भी गरमा गया है। सवाल यह था कि 15 अगस्त को रायगढ़ में झंडा कौन फहराएगा। इस पर राज्य सरकार ने परिपत्र जारी कर साफ कर दिया कि अदिति तटकरे ही ध्वजारोहण करेंगी। इस निर्णय के बाद से यह विवाद और चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि इससे भरत गोगावले की दावेदारी कमजोर पड़ती दिख रही है।
भरत गोगावले ने हालांकि नाराजगी की बात से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनका दिल्ली दौरा पहले से तय था, इसलिए वह कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो सके। गोगावले ने यह भी स्पष्ट किया कि ध्वजारोहण करने से कोई व्यक्ति पालक मंत्री नहीं बन जाता। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह मुद्दा व्यक्तिगत नाराजगी का नहीं, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
इसी बीच, उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे की अनुपस्थिति ने भी सवाल खड़े कर दिए हैं। शिंदे फिलहाल श्रीनगर में हैं। इससे पहले वह जम्मू में आयोजित शिवसेना शिंदे गुट के रक्तदान शिविर में शामिल हुए थे। आमतौर पर वह कार्यक्रमों के बाद सरकारी कामकाज संभालते हैं, लेकिन इस बार कैबिनेट बैठक में उनका न होना राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा रहा है। चर्चा है कि यह सिर्फ तय कार्यक्रम का हिस्सा है या फिर किसी असंतोष का इशारा।





