महाराष्ट्र की महायुति सरकार के भीतर सबकुछ ठीक न होने की चर्चा इन दिनों जोर पकड़ रही है। खासकर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के बीच कुछ निर्णयों और विवादित मंत्रियों को लेकर असहमति देखने को मिल रही है। इस बीच, राज्य के वन मंत्री और भाजपा विधायक गणेश नाईक ने एकनाथ शिंदे पर सीधा तंज कसा है। उन्होंने कहा, “एकनाथ शिंदे को लॉटरी लगी है, लेकिन कमाया हुआ टिकाना भी आना चाहिए।” उनका यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।
एकनाथ शिंदे पर भाजपा मंत्री का तंज
गणेश नाईक पालघर जिले के दुर्वेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और कर्मचारी आवास भवन के भूमिपूजन कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि लॉटरी लगना खुशी की बात है, लेकिन असली चुनौती कमाई को बचाने की होती है। यह टिप्पणी करते हुए उन्होंने संकेत दिया कि सत्ता पाना एक बात है, लेकिन उसे कायम रखना ज्यादा महत्वपूर्ण है। नाईक का यह बयान ऐसे समय आया है जब भाजपा और शिंदे गुट के बीच तालमेल पर सवाल उठ रहे हैं।
कार्यक्रम के दौरान नाईक ने अपने पुराने अनुभव भी साझा किए। उन्होंने याद दिलाया कि जब वे ठाणे और पालघर जिले के पालकमंत्री थे, तब सांसद डॉ. हेमंत सवरा के पिता विष्णु सवरा, सांसद चिंतामण वनगा और तत्कालीन विधायक एकनाथ शिंदे जिला नियोजन समिति की बैठकों में शामिल होते थे। उन्होंने कहा, “शिंदे को लॉटरी लगी है, यह उनके नसीब का खेल है। हर किसी को यह मौका नहीं मिलता। लेकिन जनता इस पर नजर रखती है कि आपने जो पाया, उसे आप कैसे संभालते हैं।”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि गणेश नाईक का यह बयान महायुति में बढ़ते मतभेदों का संकेत है। शिंदे गुट और भाजपा भले सार्वजनिक तौर पर गठबंधन में मजबूती का दावा करते हों, लेकिन इस तरह के बयानों से अंदरूनी खींचतान की झलक मिलती है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा और शिंदे शिवसेना के रिश्तों पर इस बयान का क्या असर पड़ता है।





