हाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर एक बार फिर से माहौल गरमाता दिखाई दे रहा है। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आंदोलनकारी मनोज जरांगे से अपील की है कि वे मुंबई में गणेश उत्सव के दौरान प्रस्तावित प्रदर्शन के समय पर एक बार फिर विचार करें। शिंदे ने कहा कि आंदोलन करना सबका अधिकार है, लेकिन त्योहारों के समय इससे आम जनता और श्रद्धालुओं को असुविधा नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि मुंबई में लाखों लोग गणेशोत्सव मनाते हैं और ऐसे समय में किसी भी प्रकार का आंदोलन श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
उपमुख्यमंत्री शिंदे की अपील
शिंदे ने यह भी याद दिलाया कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब भी मनोज जरांगे ने इसी तरह के आंदोलन किए थे। उस समय सरकार ने उनकी कई चिंताओं का समाधान किया था और मराठा समाज को उसका लाभ भी मिला था। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक सांस्कृतिक राज्य है, यहां की परंपराएं विशेष महत्व रखती हैं, इसलिए हर किसी को बोलते और कदम उठाते समय संवेदनशीलता बरतनी चाहिए। शिंदे ने साफ कहा कि समाज में किसी भी मुद्दे पर विवाद या कड़वाहट पैदा करने से बचना चाहिए।
उधर, मनोज जरांगे ने महाराष्ट्र सरकार को 26 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर मराठा समाज को अति पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में 10 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो 27 अगस्त को गणेश चतुर्थी से मुंबई की ओर बड़ा मार्च निकलेगा और 29 अगस्त से वे अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। इस चेतावनी से सरकार पर दबाव और बढ़ गया है।
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने मनोज जरांगे पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मां के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है। भाजपा ने इस बयान को निंदनीय और अस्वीकार्य बताया है। वहीं, जरांगे ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि उनके बयानों को गलत ढंग से पेश किया गया है। ऐसे में आरक्षण मुद्दे के साथ-साथ राजनीतिक बयानबाजी ने भी विवाद को और तीखा बना दिया है।





