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Thu, Dec 18, 2025

मराठा आरक्षण आंदोलन पर हाई कोर्ट सख्त, मुंबई की सड़कें खाली करने का आदेश

Written by:Neha Sharma
Published:
मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को लेकर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि आजाद मैदान को छोड़कर बाकी सभी जगहों से आंदोलनकारियों को मंगलवार दोपहर तक हटाया जाए।
मराठा आरक्षण आंदोलन पर हाई कोर्ट सख्त, मुंबई की सड़कें खाली करने का आदेश

मराठा आरक्षण आंदोलन पर सोमवार (1 सितंबर) को बॉम्बे हाई कोर्ट में अहम सुनवाई हुई। मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे आंदोलन को लेकर अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए आदेश दिया कि आजाद मैदान को छोड़कर बाकी सभी जगहों से आंदोलनकारियों को मंगलवार दोपहर तक हटाया जाए। कोर्ट ने कहा कि आम लोगों का जीवन बहाल करना जरूरी है और मुंबई शहर को रोककर नहीं रखा जा सकता। अदालत ने यह भी कहा कि गणेश उत्सव शुरू होने वाला है, ऐसे में सड़कों का खाली होना अनिवार्य है। हाई कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि मंगलवार शाम 4 बजे तक सभी सड़कों को पूरी तरह खाली करवाया जाए।

मराठा आरक्षण आंदोलन पर हाई कोर्ट सख्त

कोर्ट ने आगे कहा कि अगर नए आंदोलनकारी मुंबई आने की कोशिश करते हैं तो राज्य सरकार उन्हें रोकने के लिए जरूरी कदम उठाए। अदालत ने साफ किया कि मुंबई में नए आंदोलनकारियों का प्रवेश नहीं होना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने सवाल उठाया कि जरांगे को आंदोलन करने का अधिकार है, लेकिन अगर इसके कारण स्कूल-कॉलेज बंद हो गए, दफ्तरों में लोग न पहुंच पाए, सब्जियों और दूध की सप्लाई बाधित हो गई तो आम जनता का क्या होगा? कोर्ट ने सीएसटी, मरीन ड्राइव, फ्लोरा फाउंटेन और दक्षिण मुंबई के अन्य क्षेत्रों से भी आंदोलनकारियों को हटाने के आदेश सरकार को दिए। अब 2 सितंबर को होने वाली अगली सुनवाई में राज्य सरकार अदालत को बताएगी कि उसने क्या कार्रवाई की।

राज्य सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि आंदोलन के लिए केवल एक दिन की इजाजत दी गई थी। शाम 6 बजे तक मैदान खाली करने का आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन इसका पालन नहीं हुआ। उन्होंने स्पष्ट किया कि आमरण अनशन की इजाजत कभी नहीं दी गई थी। वहीं, जरांगे के वकील ने दलील दी कि सरकार पहले अनुमति दे चुकी थी, अब अचानक मना कर रही है। उन्होंने कहा कि 5000 से अधिक आंदोलनकारियों के लिए सरकार को वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वे सड़कों पर न भटकें। वकील ने मांग की कि वानखेड़े और ब्रेबोर्न स्टेडियम आंदोलनकारियों के लिए उपलब्ध कराए जाएं।

इस पर कोर्ट ने सख्त टिप्पणी की कि वानखेड़े और ब्रेबोर्न जैसे प्रतिष्ठित स्टेडियम आंदोलनकारियों के लिए खोलना संभव नहीं है। अदालत ने कहा कि पिछले छह दिनों में आंदोलनकारियों का बर्ताव चिंताजनक रहा है। समर्थक सड़कों पर कबड्डी खेलते नजर आए और कल को वे क्रिकेट भी खेल सकते हैं। कोर्ट ने पूछा कि आयोजक क्या गारंटी देंगे कि उनके समर्थक गड़बड़ी नहीं करेंगे और आदेशों का पालन करेंगे? अदालत ने कहा कि आंदोलनकारियों के बर्ताव से यह साफ है कि आदेशों का ठीक से पालन नहीं हो रहा है, जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।